बाॅलीवुड की चकाचैंध के बीच खो गये थे ऐ0के0 हंगल
Û जीवन के अंमित दिनो में हो गये थे पाई पाई को मोहताज
Û एक्टर बनने से पहले हंगल साहब थे स्वतंत्रता सेनानी
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस मुम्बई- शायद समय इसी को कहते है कि उगते सूरज को सभी सलाम करते है या यूं भी कह सकते है कि सबका समय एक सा नही होता, कल का जगमगाने वाला सितारा गुमनामियों में भी खो सकता है। कुछ ऐसी ही कहानी मशहूर कलाकार ऐके हंगल साहब की भी रही जो अपने जीवन के आखिरी समय में एक-एक पैसो के लिए मोहताज हो गये, यहां तक उनके पास अपना इलाज कराने के लिए पैसे नही थे।
भारतीय फिल्मो में अपने समय में एक बडा नाम रहे तथा सैकडो फिल्मों में यादगाद भूमिका निभाने वाले अवतार किशन हंगल उर्फ एके हंगल का निधन 26 अगस्त 2012 को हो गया था। उन्होने लगभग 200 से भी अधिक फिल्मो में किरदार निभाया लेकिन समय बीतने के साथ वह फिल्मी दुनिया से दूर हो गये और जीवन के अंत में बीजारी और कई परेशानियों को झेलते हुए उनकी मृत्यु हो गयी। हंगल साहब कराची की जेल में दो साल बंद भी रहे तथा 1949 में छूटने के बाद वह अपने परिवार के साथ आकर मुम्बई में बस गये तथा फिल्मों में काम करने लगे। वह पहले भी थियटेर से जुडे थे तो फिल्मी दुनिया में काम उन्हे आसानी से मिल गया। 52 साल की उम्र से उन्होने अपना फिल्मी कैरियर शुरू किया, उनकी पहली फिल्म तीसरी आंख रिलीज हुई। तब से 90 के दशक तक उन्हे खूब फिल्मे मिली और उन्होने कई विभिन्न किरदारो से लोगो का दिल जीता। उन्हे पद्मभूषण सम्मान से भी नवाजा गया था। बताया जाता है कि वह बाथरूम में फिसलकर गिर गए तथा उनकी जांघ की हडडी टूट गयी और भी चोट लगी लेकिन अस्पताल में सांस की परेशानी के कारण उनकी सर्जरी नही हो सकी। अंमित समय में उनके फेफडो ने काम करना भी बंद कर दिया था और इस तरह एक दमदार किरदार निभाने वाले अभिनेता के जीवन का अंत हो गया।
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