भागवत कथा का श्रवण ही परमधाम का सच्चा मार्ग
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस चिरईगाँव/वाराणसी कलियुग में धरती पर अनेक प्रकार के पुण्य अनुष्ठानों का आयोजन किया जा रहा है लेकिन श्रीमद्भागवत महापुराण में भगवान की पावन कथा का श्रवण मात्र ही परमधाम प्राप्त करने का एक मात्र सच्चा मार्ग है।
क्षेत्र के पूरनपट्टी गाँव मे श्री रामकृष्ण दीनानाथ परिसर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के अन्तिम दिन शुक्रवार को उक्त विचार मथुरा बृन्दावन धाम के आचार्य प्रभुदयाल जी महाराज ने ब्यक्त किये।उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने अपने मामा कंस का वध उसके पाप कर्मों के कारण ही किया था।कहा कि भगवान सच्चिदानन्द स्वरुप हैं जो समस्त विश्व के सृजनहार ,पालनहार हैं, जिनके पावन चरणों की शरण में आते ही प्राणी सभी प्रकार के ताप से मुक्त हो जाता है।जीवन भर पाप कर्म करने वाला मानव भी यदि एक बार मनन,चिन्तन व भक्तिभाव के साथ श्रीमद्भागवत पुराण कथा का श्रवण कर लेता है तो वह भी भगवान के परम पद को प्राप्त कर लेता है और यही भागवत कथा का दिव्य प्रभाव है।पावन कथा के आयोजन में मुख्य यजमान दीनानाथ उपाध्याय, शकुंतला देवी,सुनील कुमार उपाध्याय,अभिषेक कुमार,अजीत पाण्डेय,अखिलेश,पवन कुमार पाण्डेय आदि उपस्थित रहे।