अनवरगंज-मंधना रेलवे ट्रैक मुद्दा संसद मेंं उठाने से व्यापारियों में आशा की किरण, किया सांसद का सम्मान।
(व्यापरियों द्वारा सांसद का सम्मान )
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। शहर में जाम की सबसे बड़ी समस्या बनी अनवजगंज से मंधना तक रेल लाइन को शिफ्ट करने के प्रयास रंग लाते दिख रहे हैं। पिछले दिनों इस मामले को संसद में सांसद सत्यदेव पचौरी ने उठाया था। रविवार को इसकी जानकारी देते हुए सांसद ने बताया कि उन्होंने अनवरगंज से मंधना ट्रैक को हटाने के मुद्दे पर रेलवे बोर्ड ने मंधना से पनकी की जगह इस ट्रैक को मैथा से जोड़ने की बात कही है।
सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में सांसद सत्यदेव पचौरी ने बताया कि इसके लिए करीब दो हजार करोड़ का खर्च आएगा. अभी इसका प्राथमिक आंकलन किया गया है। उन्होंने बताया कि इसके लिए रेलवे अपनी जमीन को बेचकर इस खर्च को पूरा कर सकता है। इसके अलावा अगर मैथा से सेंट्रल स्टेशन तक रेलवे लाइन बिछाने में अगर डिफेंस की भूमि लेनी पड़ेगी तो उसे भी लिया जा सकता है। फ्लाईओवर की बात पर उन्होंने कहा कि इसको लेकर विभिन्न् जगह व्यापारी विरोध कर रहे हैं। जरीब चौकी में फ्लाईओवर को लेकर समस्या आ रही है जबकि गुमटी और अन्य स्थानों पर इसका विरोध हो रहा है। उन्होंने कहा कि एक बार मेट्रो का संचालन शुरू होने के बाद कई जगहों पर फ्लाईओवर भी नहीं बन पाएंगे।
लाल इमली के कर्मचारियों को मिलेगा वीआरएस
हालांकि, राहत का मरहम लगाती खबर के बीच अब लालइमली को लेकर दुखद खबर यह है कि इसके सभी अफसरों और कर्मचारियों को वीआरएस दिया जाएगा. इसको लेकर कैबिनेट ने सैद्धांतिक निर्णय ले लिया है। उन्होंने बताया कि कैबिनेट का फैसला अक्टूबर-नवंबर में आ जाएगा और इसके लिए कैबिनेट नोट बना लिया गया है। कैबिनेट के फैसले के बाद उसे वित्त मंत्रालय में भेजा जाएगा. सांसद ने कहा कि बीआइसी के करीब 900 अधिकारियों और कर्मचारियों को 250 करोड़ रुपया देना बाकी है. इसके अलावा वीआरएस के तहत निर्णय के अनुसार भुगतान किया जाएगा।