देवी के इस स्वरूप को स्कंदमाता नाम मिला
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस वाराणसी शादरीय नवरात्र का पांचवा दिन पंचमी तिथि कहलाती है।इस तिथि पर देवी दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप का दर्शन पूजन होता है। भगवती भवानी के पंचम स्वरूप (स्कंदमाता) की उपासना का विशेष विधान शारदीय नवरात्र की पंचमी तिथि पर है। देवी के इस स्वरूप की आराधना से जहां व्यक्ति की संपूर्ण सद्कामनाएं पूर्ण होती हैं वहीं उसके मोक्ष का मार्ग भी सुगम्य हो जाता है। स्कंद कार्तिकेय की माता होने के कारण ही देवी के इस स्वरूप को स्कंदमाता नाम मिला है। काशी खंड, देवी पुराण और स्कंदपुराण में देवी के स्कंदमाता स्वरूप का विराट वर्णन किया गया है।सिर्फ नवरात्र में ही पूरे दिन देवी का मंदिर खुला रहता है। अन्यथा पूर्वाह्न के बाद ही देवी मंदिर के पट बंद कर दिए जाते है।
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