उत्तराखंड सरकार को अपने आदेश पर देनी पडी सफाई
Û अतंरधार्मिक, अंतर्जातीय विवाह पर उत्तराखंड में मिलेंगे 50 हजार रू0 का सरकार द्वारा किया गया था एलान
Û सोशल मीडिया पर लोगों ने इस आदेश के विरोध करते हुए इसे लव जिहाद को बढावा देना कहा।
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस उत्तराखंड- उत्तराखंड सरकार अपने एक आदेश के बाद फंसती दिखाई दी। आदेश यह था कि अंतरधार्मिक, अंतर्जातीय विवाह करने पर उत्तराखंड में 50 हजार रूपए मिलेगे, लेकिन इसके बात सोशल मीडिया में इन आदेशो के प्रति लोगों का आक्रोश दिखाई देने लगा। लोगों ने इस आदेश को लव जिहाद को बढावा देने वाला बताया। इस आदेश के बाद हुई किरकिरी के बीच उत्तराखंड सरकार द्वारा सफाई दी गयी है।उत्तराखंड सरकार द्वारा अतंरधार्मिक व अंतर्जातीय विवाह करने पर 50 हजार रूपऐ देने के आदेशो के बाद विवाद पैदा हो गया है। टिहरी गढवाल के जिला समाज कल्याण पदाधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित एक आदेश में कहा गया है कि राष्ट्रीय एकता की भावना को जीवित रखने और सामाजिक एकता को बनाए रखने के लिए अंतर्जातीय तथा अंतर्धामिक विवाह काफी सहायक सिद्ध हो सकते है, जिससे अलग-अलग परिवारों में एकता की भावना मजबूत होगी। वहीं समाज कल्याण विभाग द्वारा ऐलान किया गया कि सरकार द्वारा इस प्रकार के विवाह को बढावा देने वाले अतर्जातीय तथा अंतर्धामिक विवाहित दम्पत्तियों को प्रोत्साहन स्वरूप 50 हजार रूपये प्रदान किया जाते है।
कैसे किया जा सकता है यह विवाह उत्तराखंड सरकार द्वारा अंतर्जातीय व अतंर्धार्मिक विवाह का जो आदेश किया गया है उसके अंतर्गत बताया गया कि यह संघ या ब्यूरो द्वारा मान्यता प्राप्त मंदिर, मस्जिद, गिरिजाघर या अन्य देवस्थान में सम्पन्न हो तथा इस विवाह को करने के लिए आवेदन-पत्र निःशुल्क दिए जाते है। बताया गया कि ऐसे विवाह के पंजीकरण के बाद अगले एक वर्ष तक आवेदन किया जा सकता है। इस मामले में दम्पत्ति का सत्यापन विधायक या सांसद भी करसकता है। यह भी बताया जाता है कि इस योजना के अंतर्गत दम्पत्ति को ढाई लाख रूपए मिलते है, जिसमें से 50 हजार रूपए राज्य सरकार द्वारा दिए जाते है।
लोगो ने सरकार पर लगाया लव जिहाद को बढावा देने का आरोप
अंतर्जातीय तथा अंतर्धामिक विवाह के आदेशो के बाद उत्तराखंड सरकार आम लोंगो के निशाने पर आ गयी। इन आदेशों के प्रति लोगों ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा भी प्रकट किया तथा उत्तराखंड सरकार पर लव जिहाद को बढावा देने का आरोप लगाया। वहीं इस मामले पर उत्तरांखड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के आर्थिक सलाहकाऱ आलाक भट्ट का कहना है कि सम्बंधित विभाग के डायरेक्टर का कहना है कि यह आदेश 1976 में तत्कालीन उ0प्र0 सरकार के एक नोटिफिकेशन के आधार पर जारी किया गया है। उन्होने कहा कि इस मामले के बारे में अधिकारियों को सूचना दी जा चुकी है और इस पर सही प्रकार से कार्यवाई की जा रही हैै।
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