अन्न की देवी माँ अन्नपुर्णा का धान की बालियों से सजा दरबार
17 दिवसीय महाव्रत का हुआ समापन अपने, अपने मन्नतों के लिये किसी ने 51 तो किसी ने 501 फेरी लगाई
माँ को किसानो की पहली फसल अर्पित होती है।
11 कुन्तल धान से जगमग हो उठा दरबार
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस वाराणसी अन्न की देवी कही जाने वाली माँ अन्नपुर्णा का 17 दिवसीय महाव्रत का आज हुआ समापन 17 दिन 17 गांठ व 17 धागे का यह कठिन महाव्रत का रविवार को समापन हुआ इस कठिन व्रत में एक समय ही फलहार करते है।मंदिर उपमहन्त शंकर पूरी मंगल बेला में माँ को स्नान कराया फिर धान से भव्य श्रृंगार कर आम भक्तों के लिये दर्शन हेतु पट खोल दिया गया माँ का दरबार धान की बालियों से सजाया गया ये धान की बालियां पूर्वांचल के किसान अपने खेत की पहली फसल माँ को अर्पित कर आशीर्वाद लेते है ।ऐसा माना गया है कि जहां भगवान शंकर खुद माँ के आगे अन्न की भिक्षा मागे थे उसके बाद से अन्न की कमी नही पड़ी ।यही धान की बाली दूसरे दिन प्रसाद रूप में भक्तों को वितरित किया जाता है जिसे अपने अन्न के भंडार में रखते है।महंत रामेश्वपुरी ने बताया कि इस इस महाव्रत से किसी भी तरह का दुख कष्ट दूर हो जाता खुशहाली बनी रही है यही में भी माँ भगवती से कामना करता हु की इस वैश्विक महामारी से जल्द से जल्द कष्ट दूर करें।