टीबी खोज अभियान शुरू ,दवा की किट भी वितरित
-पहले चरण में 3 कैदी मिले टीबी से ग्रसित
-अभियान के दौरान कोरोना की भी होगी जाँच
प्रिंस श्रीवास्तव
हिंदुस्तान न्यूज एक्सप्रेस कन्नौज/फर्रुखाबाद संवाददाता।राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के ‘टी.बी. हारेगा देश जीतेगा’ कार्यक्रम के तहत 26 दिसंबर से 25 जनवरी तक तीन चरणों में एक्टिव केस फाइंडिग अभियान (एसीएफ) चलाया जा रहा है |इस दौरान टीबी खोज के साथ साथ कोविड के मरीज भी खोजे जायेंगे |शनिवार को जिला क्षय रोग विभाग से मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वंदना सिंह ने एक क्षय रोगी को दवा की किट देकर टीबी के सम्भावित मरीजों की खोज में घर घर जाने वाली टीमो को रवाना किया |इस दौरान सीएमओ ने आमजनमानस से अपील करते हुए कहा कि जब भी आपके घर पर टीम आये तो उनके द्वारा पूछे जाने बाले सवालों के सही जबाव दें, जिससे हम होने बाली टीबी जैसी बीमारी से बचे रह सकते है, और प्रधानमंत्री द्वारा भारत को सन 2025 तक टीबी मुक्त भारत का सपना पूरा करने में अपना योगदान दे सकते हैं |जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सुनील मल्होत्रा ने बताया कि पहला चरण जोकि 26 दिसंबर से एक जनवरी तक चला इस दौरान टीमों ने अनाथालय, वृद्धाश्रम, जिला कारागार, बाल संरक्षण गृह, नारी निकेतन, शेल्टर होम, मदरसा, नवोदय विद्यालय में जाकर संभावित क्षय रोगियों की खोज की गयी। श्री मल्होत्रा ने कहा कि पहले चरण में लगभग 3,200 लोगों की स्क्रीनिंग की गई जिसमें से 79 लोगों के बलगम जाँच के को भेजे गये , जिसमें से 3 कैदी टीबी रोग से ग्रसित मिले | दूसरे चरण में आज से 12 जनवरी तक शहरी और ग्रामीण मलिन बस्तियों में क्षय रोग की टीमें घर जाकर लोगों की स्क्रीनिग कर बलगम की जांच करेंगी। इस दौरान एचआइवी व डायबिटीज से पीड़ित मरीजों की विशेष रुप से जांच होगी। तीसरे चरण में 13 जनवरी से 25 जनवरी तक जनपद के निजी अस्पतालों में क्षय रोग की टीमें जाकर चिकित्सकों से संपर्क कर क्षय रोगियों के बारे में डाटा लेंगी। मरीज का पंजीकरण निक्षय पोर्टल पर करते हुए इलाज शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने ने बताया कि टी.बी.के निदान हेतु यह जरूरी है कि जीवाणु का पता लगाने के लिए लगातार तीन दिन तक कफ की जाँच करवाई जाए। वह रोगी, जो पूरी इलाज नहीं करवाते अथवा दवा अनियमित लेते हैं, उनके लिए रोग लाइलाज हो सकता है और यह जानलेवा भी हो सकता है। क्षयरोगी को बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, तम्बाकु, शराब अथवा किसी भी नशीली वस्तु से परहेज करना चाहिए।जिला कार्यक्रम समन्वयक सौरभ तिवारी ने बताया कि घर-घर खोज अभियान के दौरान विभाग द्वारा 148 टीमें बनाई गई हैं जिनमें लगभग 444 स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता और 30 सुपरवाईजर हैं, द्वारा जनपद की 20 प्रतिशत जनसंख्या को इस अभियान के दौरान आछादित किया जायेगा |इस दौरान क्षय रोग विभाग के स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता मौजूद रहे |