महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर कुष्ठ के ‘विरुद्ध’ शुरू किया ‘आखिरी युद्ध’
कुष्ठ रोगी के साथ दुर्व्यवहार न करने की अपील
13 फरवरी तक चलेगा स्पर्श कुष्ठ जागरूकता पखवाड़ा
जनपद में वर्तमान में 57 कुष्ठ रोगियों का चल रहा इलाज़
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस झाँसी, 30 जनवरी 2021।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा कुष्ठ रोगियों को समाज की मुख्य धारा से जोडने के लिए किए गए प्रयासों की वजह से हर वर्ष 30 जनवरी को उनकी पुण्यतिथि को कुष्ठ रोग निवारण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी संबंध में आज जनपद के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर महात्मा गांधी की तस्वीर पर माल्यार्पण करके उनको याद किया गया व कुष्ठ रोग को ख़त्म करने की शपथ भी खायी गयी।
कुष्ठ निवारण विभाग में त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ॰ बी बी आर्या ने बताया कि कुष्ठ निवारण दिवस पर जनमानस में यह जागरूकता लायी जाए कि कुष्ठ रोग लाइलाज नहीं है। कुष्ठ रोग का पूर्णतः उपचार संभव है। कुष्ठ रोगियों के साथ भेदभाव या छूआछूत नहीं करना चाहिए।
डॉ॰ आर्या ने कहा कि कुष्ठ रोग के इलाज में देरी से दिव्यांगता हो सकती है। कुष्ठ रोगियों को स्पर्श करने से कुष्ठ रोग नहीं होता है। उन्होंने सभी लोगों को कुष्ठ के विरूद्ध में अपनी सहभागिता करने व भेदभाव न करने की शपथ दिलाई।
उन्होंने बताया कि आशा, एएनएम व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा लोगों को प्रचार-प्रसार सामग्री वितरित कर जागरूक किया जाएगा। बताया कि दो तरह के मरीजों के होने की संभावना देखी जा सकती है। एक मल्टीबेसिलरी और दूसरा पोसिबेसिलरी। मल्टीबेसिलरी मरीज को 12 माह और पोसिबेसिलरी मरीज को छह माह तक दवा लेनी होती है।
जनपद के आकड़े
कुष्ठ सहायक विनोद कुमार मौर्य ने बताया कि जनपद में वर्ष 2017-18 में 128 कुष्ठ रोगी मिले, वही वर्ष 2018-19 में 154, वर्ष 2019-20 में 104 और वर्ष 20-21 मे अभी तक 35 कुष्ठ रोगी मिल चुके है। वर्तमान में 57 कुष्ठ रोगी इलाज़ पर है बाकी सभी रोग मुक्त हो चुके है।