सुदामा चरित्र की कथा सुन भाव विभोर हुए श्रोता
अनुराग तिवारी संवाददाता
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस बाँदा । श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के विश्राम दिवस पर कथा प्रवक्ता पं. विनोद शुक्ल ने भगवान द्वारिकाधीश के विवाहों की आनंददायी कथाएं सुना कर जहां श्रोता समुदाय को आनंदित किया वहीं सुदामा चरित्र की कथा में उन्होंने श्रोताओं को इतना भावुक कर दिया कि उनके नेत्रकोर गीले हो गए।
कमलेश शुक्ला द्वारा संयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के दौरान बुधवार को अंतिम दिवस की कथा में कथा प्रवक्ता पं. विनोद शुक्ल ने भगवान द्वारिकाधीश के विवाहों की बड़ी ही रोचक और आनंददायी कथाएं सुना कर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। उन्होंने रुक्मिणी हरण की कथा काफी विस्तार से सुनाते हुए कहा कि रुक्मिणी का विवाह उनकी इच्छा के विपरीत होने बाला था लेकिन मन ही मन वे द्वारिकाधीश को अपना पति मान चुकी थीं। विवाह की तैयारियों के बीच रुक्मिणी ने द्वारिकाधीश को अपने मन का संकल्प बताते हुये संदेश भेजा और द्वारिकाधीश ने रुक्मिणी का हरण कर उनके साथ विवाह किया। भगवान द्वारिकाधीश ने सत्यभामा, कालिंद्री, जाम्बबंती आदि से भी विवाह रचाए, इस प्रकार उन्होंने सोलह हजार एक सौ आठ विवाह किए। उन्होंने सुदामा चरित्र का मार्मिक चित्रण कर श्रोताओं को भावुक कर दिया। उन्होंने कहा कि भगवान द्वारिकाधीश और सुदामा की मित्रता हमें निश्छल मैत्री संबंधों के साथ आदर्श मित्रधर्म की भी शिक्षा देती है।
भागवत पाठ एवं पूजन आचार्य राजन शुक्ला एवं संगीत मंच पर गायन में संजू शुक्ला , तबले पर शशांक तिवारी
कथा के अंत में कमलेश शुक्ला (अकाउंट ऑफिसर) परीक्षित व उनकी पत्नी श्री मती बीना शुक्ला ने भागवत जी की आरती उतारी और प्रसाद वितरित किया गया।