कृष्ण ने निभाई सुदामा से सच्ची मित्रता:आचार्य पुनीत त्रिपाठी
-ग्राम रामपुर में आयोजित श्रीमद भागवत कथा में सुदामा चरित्र सुनकर श्रृद्धालु हुए भाव विभोर
कन्नौज ब्यूरो पवन श्रीवास्तव के साथ प्रिंस श्रीवास्तव
हिंदुस्तान न्यूज एक्सप्रेस कन्नौज संवाददाता। मित्रता अब मात्र स्वार्थ पर टिक गई है, लेकिन मित्रता से बड़ा कोई संबंध नही है। मित्रता अपने आप में एक परिपूर्ण रिश्ता है। भागवत कथा में श्रीकृष्ण व सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए आचार्य पुनीत त्रिपाठी ने ग्राम रामपुर में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के दौरान श्रृद्धालुओं से कहीं। उन्होने कहा कि स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने इस संसार को सच्ची मित्रता का पाठ पढ़ाया है। आचार्य श्री ने कथा का आगे का वर्णन सुनाते हुए कहा कि सुदामा गरीबी की मार झेल रहे थे। उनकी पत्नी सुशीला ने कहा स्वामी द्वारकाधीश आपके बचपन के मित्र है। आप उनके यहां जाएंगे, तो श्रीकृष्ण आपकी मदद जरूर करेंगे। पत्नी की बात सुन सुदामा ने कहा विपत्तियों में कहीं नहीं जाना चाहिए। अगर मैं वहां जाता हूं, तो मेरे पास कुछ ले जाने के लिए नही है। सुशीला पड़ोस के घर से दो मुठ्ठी चावल लेकर आती है और अपने आंचल में बांधकर सुदामा को देकर श्रीकृष्ण के पास भेजती है। द्वारपाल श्रीकृष्ण को बताते हैं कि एक भिखारी आया है। कह रहा है कि कृष्ण मेरा मित्र है और अपना नाम सुदामा बता रहा है। यह सुनते ही श्रीकृष्ण नंगे पांव दौड़ते हुए सुदामा के पास पहुंचे और गले लगा लिया। यह प्रसंग सुनकर कथा प्रांगण में बैठे श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। इस अवसर पर अनीश,रामकिशन ,पवन कुशवाहा, हिमांशु पाल, सचिन पाल, प्रदीप पाल, टिंटू, पदम सिंह, रानू पाल, कल्लू ठाकुर, रोहित सिंह ठाकुर आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।