कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री के बयान पर विश्व हिंदू परिषद ने प्रकट की नाराजगी
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कर्नाटक- इस देश की स्थिति क्या हो सकती है जब भगवान राम तक के ऊपर सवाल कर दिये जाते है। हैरानी की बात तो यह है कि इस देश में धर्म विरूद्ध काम करने व बयानबाजी करने वालों को कितनी स्वतंत्रा दी गयी है। यह लोग जब भी मौका मिलता है तो हिंदू धर्म के विरूद्ध अनाप-शनाप बोलते है। कारण यह है कि न ही सत्ताधारी पार्टी इस पर कार्यवाई करती है और न ही देश की आम जनता ही इसका विरोध करती है। बस हल्का-फुल्का हल्ला होता है और सब शांत हो जाता है ऐसे में इन देश और धर्म विरोधियों का मनोबल और बढता है। अन्य देशों की ही भांति यदि भारत में भी ईश निंदा पर कठोर दण्ड तय कर दिया जाये तो यहां भी किसी की इस प्रकार से ईश निंदा की हिम्मत नही पडेगी। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने राम मंदिर निधि समर्पण अभियान के कार्यकर्ताओं पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कार्यकर्ता राम मंदिर के नाम पर पैसा इकट्ठा कर रहे है।
पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी के इस बयान पर विश्व हिंदू परिषद ने नाराजगी प्रकट करते की है। कुमार स्वामी ने आरोपल लगाया है कि जो भी पैसा नही दे रहा है उसका नाम लिखा जा रहा है। उन्होेन कहा कि नाजियों ने जो जर्मनी में किया था, वैसा ही आरएसएस यहां पर कर रहा है। कहा मुझे राम मंदिर के लिए पैसे का योगदान की चिंता नही और आवश्यक हुआ तो मैं भी येागदान दूंगा लेकिन पैसा इकट्ठा करने में पारदर्शिता नही है। कई लोग दूसरों को धमकी देकर पैसा एकत्र कर रहें है। हालांकि उन्होने अपने बयान में किसी संगठन का नाम नही लिया। विश्वहिंदू परिषद द्वारा स्वामी के बयान को गैरजिम्मेदाराना बताते हुए कहा गया है कि स्वयं सेवक समाज के सभी वर्गो पर पहुंच रहे है लेकिन मंदिर निर्माण के लिए पैसा नही मांग रहे है। सत्यता तो यह है कि लोग अपने श्रृद्धा से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए सहयोग कर रहे है और सभी का मनना है कि श्रीराम ही भारत की पहचान है। एक और कांग्रेसी नेता सिद्वारमैया ने कहा कि यदि उनके पास कोई राम मंदिर निर्माण क लिए दान मांगने आता है तो वह बोल देंगे कि अयोध्या में विवादित राम मंदिर के लिए चंदा नही दूगा, मैं अन्य दूसरी जगह बन रहे राम मंदिर के लिए दान दे दूंगा। कहा कि मामला सेटल हो गया है लेकिन विवाद हमेशा बना रहेगा।
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