कोरोना के साथ-साथ टीबी को न करे नज़रअंदाज
टीबी का बीच में इलाज छोड़ना होता है खतरनाक
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस औरैया टीबी सिर्फ जानलेवा बीमारी ही नहीं है यह विश्व में शीर्ष दस बीमारियों में से है जिनकी वजह से सर्वाधिक मौतें भी होती हैं| यह बीमारी हवा से फैलती है खासकर जब कोई पीड़ित व्यक्ति बोलता, खांसता या छींकता है| जहाँ विश्व में अभी कोरोना वायरस फैला हुआ है वहीँ टीबी और कोरोना के लक्षण और फैलने का तरीका भी एक सामान होता है| जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एपी राय ने जानकरी देते हुए बताया – क्षय रोग और कोरोना वायरस लगभग एक ही तरीके से फैलते है| कोरोना जहाँ एक वायरस (विषाणु ) है तो टीबी एक बैक्टीरिया (जीवाणु) है, लेकिन दोनों ही सूक्ष्म और साधारण आँखों से दिखाई नहीं देने वाले होते है| इसलिए इसके संक्रमण में आना सामान्य है,जरूरी है कि कुछ बातों का ख्याल रखा जाये जिससे इस तरह के संक्रमण से बचा जा सकता है|
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि टीबी के मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, इसलिए उन्हंस कोरोना संक्रमण होने का खतरा बना रहता है| इसलिए पौष्टिक खाना लेने से प्रतिरोधक क्षमता को बनाया जा सकता है और साथ ही कोविड के प्रोटोकॉल को पालन करना बहुत जरूरी है| कोरोना की कोई विशेष दवाई नहीं है लेकिन टीबी की दवाइयां निर्धारित है, इसका इलाज कम से कम 6 माह तक लेना बिना रुके लेना चाहिए| लक्ष्य के मुताबिक 2025 तक टीबी से मुक्त बनाने के प्रयास चल रहे हैं। हमारे पास पर्याप्त मात्रा में दवाएं और जांच की सुविधा है। मगर अनेक मरीज इलाज में लापरवाही कर जाते हैं। दवा छोड़ देते हैं या फिर परहेज नहीं करते हैं। यही वजह है कि टीबी एमडीआर या एक्सडीआर का रूप ले लेती है, जिसमें इलाज मुश्किल और महंगा हो जाता है।
टीबी के लक्षण
•कमजोरी महसूस करना
•वजन कम होना
•2 हफ्ता से ज्यादा खांसी रहना
•बुखार रहना
कोरोना वायरस के लक्षण
•सूखी खांसी रहना
•साँस लेने में दिक्कत होना
•बुखार रहना
बचाव का तरीका
दोनों ही प्रकार के संक्रमण से बचने के लिए नीचे बताये तरीके को अपना कर संक्रमण से बचा जा सकता है |
•साबुन- पानी से 20 सेकंड तक बार बार हाथ धोना
•उचित दूरी बना कर रखना
•बुखार खांसी ज्यादा दिनों तक रहने पर चिकित्सक से परामर्श करना