भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत की मनाई गई 133वीं जयन्ती
-कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित कार्यक्रम में डीएम ने पं. गोविन्द बल्लभ पंत के जीवन पर डाला प्रकाश, स्कूलों में भी आयोजित हुए कार्यक्रम
कन्नौज ब्यूरो पवन श्रीवास्तव के साथ आलोक प्रजापति
हिंदुस्तान न्यूज एक्सप्रेस कन्नौज संवाददाता।भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत की 133वीं जयन्ती के अवसर पर कलेक्ट्रेट सभागार में एक कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसी क्रम में जिले के स्कूलों में भी कार्यक्रम आयोजित किए गए। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुए कार्यक्रम में जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र ने पंडित गोविंद बल्लभ पंत के चित्र पर पुष्प एवं माल्यापर्ण कर उनके जीवन पर प्रकाश डाला। डीएम ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत जी ने असहयोग आंदोलन साइमन कमीशन के बहिष्कार एवं नमक सत्याग्रह में बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया था। वह एक महान देशभक्त कुशल प्रशासक और सफल वक्ता एवं तर्क के धनी तथा लेखनी से सशक्त व्यक्तित्व के स्वामी थे। पंडित गोविंद बल्लभ पंत उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री थे तथा बाद में वह देश के गृह मंत्री भी रहे जिसके उपरांत सन 1957 में महान देशभक्त कुशल प्रशासक सफल वक्ता एवं उदार मना पंडित गोविंद बल्लभ पंत जी को भारत की सर्वोच्च उपाधि भारत रत्न से विभूषित किया गया था। इस अवसर पर अतिरिक्त मजिस्ट्रेट हरिराम सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। इसी क्रम में ब्लाक उमर्दा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय महसौनपुर में प्रधाचार्य वैभव सिंह राजपूत एवं सहायिका अध्यापिका शानू वर्मा समेत विद्यालय के समस्त स्टाफ और नन्हे-मुन्हें विद्यालय के बच्चों ने भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत की जयन्ती धूमधाम से मनाई। प्रधानाचार्य वैभव राजपूत ने बच्चों को बताया कि पं. गोविन्द बल्लभ पंत त्याग, संघर्ष और बलिदान की प्रतिमूर्ति थे। वह एक कुशल प्रशासक के साथ कर्तव्यपरायण और समाज सेवा को समर्पित पुरुष रहे। उनका जीवन आने वाली पीढ़ी के लिए सदैव प्रेरणादायक रहेगा।सहायक अध्यापिका शानू वर्मा ने कहा कि उनका जीवन युवाओं को प्रेरणा देने वाला है। सबको उनसे सीख लेकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी ईमानदारी पूर्वक और निष्पक्ष तरीके से करना चाहिए।यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।