गोताखोरों ने ढूंढा गंगा में डूबे युवक महेश का शव
कन्नौज ब्यूरो पवन श्रीवास्तव के साथ आलोक प्रजापति
हिंदुस्तान न्यूज एक्सप्रेस कन्नौज संवाददाता।गांव के ही एक युवक के अंतिम संस्कार को युवक कन्नौज के मेंहदीघाट गंगा जी गया था, जहां नहाने के दौरान गहरे पानी में डूब गया था।बताते चलें कि कन्नौज जिले के कोतवाली तिर्वा के गांव धर्मपुर गांव निवासी गोपाल का पुत्र 26 वर्षीय मुकेश उर्फ नन्हू गांव के ग्रामीण बिनोद की मृत्यु के उपरांत उनके अंतिम संस्कार में गांव के अन्य ग्रामीणों के साथ ट्रैक्टर ट्राली से कन्नौज के मेंहदीघाट गंगा जी अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिये बुधवार की सुबह गया था।दोपहर 12 बजे के करीब बिनोद के अंतिम संस्कार के उपरांत गांव के ग्रामीण गंगा जी में स्नान को चले गये थे।वहीं मुकेश भी अपने गांव के अन्या साथियों के साथ घाट पर ही गंगा स्नान को पानी में चला गया था।नहाने के दौरान अचानक गंगा के गहरे पानी में मुकेश डूब गया था।घटना की जानकारी पर पहले गांव के ग्रामीणों ने मुकेश को बचाने का प्रयास किया था,वहीं असफल होने पर पुलिस और घाट पर रेसक्यू टीम को सूचना दी गई थी।कल दोपहर से गुरुवार की सायं तक रेसक्यू टीम और गोताखोरों के प्रयास के बाद भी गंगा की जलधारा में समाये मुकेश का कोई पता नहीं चला सका था।उधर दर्दनाक घटना के बाद मुकेश के परिजनों सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण गंगा घाट पर ही डटे हुये हैं।बताते चलें कि उपरोक्त गांव के निवासी मुकेश के पिता की मौत के बाद उनके परिवार में मां के अलावा मुकेश के दो अन्या भाई और तीन बहने हैं।तीन भाइयों में मुकेश बीच का था,और केरल में नौकरी करता था।मुकेश के दो अन्य भाइयों में दिनेश बड़ा और गोविंद छोटा भाई है।पिता की मौत के बाद दोनों भाई लेवरी का कार्य करके अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं।वहीं तीन बहनों की शादियां हो चुकी हैं।मुकेश की मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।वहीं गंगा जी की जलधारा में समाये मुकेश का शव ना मिलने से परिवार और भी अधिक आहत है।गुरुवार की सायं तक मुकेश की तलाश को लगी रेसक्यू और गोताखोरों की टीम को मुकेश का सुराग नहीं लग सका है,वहीं गांव के ग्रामीण बडी संख्या में घाट पर मौजूद हैं।मुकेश का शव ना मिलने से आहत परिवार लगातार टूट सा रहा है,आखिर वह घर का कमाऊ पूत जो था।मुकेश का शव ना मिलने से आहत परिवार के करुण क्रंदन के सिलसिला लगातार जारी है।वहीं गांव की ग्रामीण परिवार को धैर्य बधा रहे हैं।