पटरी दुकानदारों को रोजी-रोजगार का संकट, अधिकतर दुकानदारों है कर्जे में।
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर -महामारी हमेशा उस वर्ग पर आफत बनकर टूटती है जो हर दिन कुआं खोदता और पानी पीता है। मसलन मजदूर वर्ग, रेहाड़ी और पटरी दुकानदार। कोविड संक्रमण पटरी दुकानदारों के लिए आफत बनकर टूटा है। रमजान को देखते हुए इन पटरी दुकानदारों ने कर्ज लेकर माल भर लिया था लेकिन अब सब परेशान हैं। उन्हेंं लगता है कि यही हालात रहे तो न माल बिकेगा और न ही कर्ज चुका पाएंगे। दो दिन का कर्फ्यू जिसमें जो माल रखा हुआ है उसके खराब होने का भय, जिससे रोजी रोटी का संकट खड़ा होना तय है। पटरी दुकानदार अजीम बताते हैं कि उन्होंने तीन लाख रुपये कर्ज पर लेकर एक माह पहले दिल्ली से रेडीमेड माल मंगवाया था। यही सोचा था कि रमजान में सब माल बिक जाएगा तो कुछ पैसे बच जाएंगे लेकिन कोरोना संक्रमण ने सब गड़बड़ कर दिया। वह कहते हैं कि अब न तो माल बिकेगा और न ही कर्ज चुका पाएंगे। समय पर कर्ज नहीं चुका पाए तो ब्याज बढ़ता जाएगा। खजूर व्यवसायी अनस अख्तर बताते हैं कि कर्ज लेकर खजूर मंगवाया था। शाम को लॉकडाउन तभी शुरू होता है जब वास्तविक खरीदारी का समय होता है। पूरा का पूरा खजूर ऐसे ही पड़ा है। वह कहते हैं कि कोरोना तो हम पर आफत बनकर टूटा है। परेड पर ठेला लगाकर शर्ट बेच रहे एहसान ने बताया कि काफी समय से बाजार से उधारी पर कपड़ा लेकर शर्ट बनवायी थीं। तीन हजार से ज्यादा पीस बनवा चुके हैं। इस रमजान तो पूरा लॉट निकाल नहीं पाएंगे। उधारी पर माल उठाया है, चुकाने के लिए कर्ज लेना पड़ेगा।
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