कोरोना के भय से मतगणना कर्मचारियों की मतगणना रोकने की मांग
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश- लखनऊ, जहां पूरे देश में कोरोना महामारी तांडव कर रही है वहीं उत्तर प्रदेश में हजारो केस प्रतिदन कोरोना पाॅजिटिव के सामने आ रहे है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत के चुनाव कोरोना काल में ही कराये गये है। कोरोना काल में चुनाव होने के कारण चुनावी डयूटी में लगे कई कर्मचानी इस महामारी की चपेट में आ चुके है तो कई कर्मचारियों की जान तक चली गयी है। इसके बाद अब मतगणना का काम होना है। ऐसे मंे मतगणों में डयूटी करने वाले कर्मचारियों को कोरोना का भय सता रहा है। उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव होने के बाद अब मतगणना की बारी है। जहां प्रदेश में लगातार
कोरोना की स्थिति खराब होती जा रही है तो वहीं मतगणना में नियुक्त किऐ गए कर्मचारियों को कोरोना वायरस का डर सताने लगा है। उसका कारण यह है कि चुनावी डयूटी के दौरान कई कर्मचारी पहले ही इस महामारी की चपेट में आ चुके है। ऐसे में मतगणना कर्मचारियों को संक्रमण का भय सता रहा है। इसी भय के कारण मतगणना रोकने की मांग सामने आने लगी है। जानकारी के अनुसार पंचायत चुनावी डयूटी में कई कर्मचारी संक्रमित हुए और उनकी जाने भी गयी। इस सम्बन्ध में प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय सिंह का कहना है कि चुनाव हो चुके है अब क्या मतगणना जरूरी है। उन्होने कहा कि चुनावी डयूटी के दौरान सौ से अधिक शिक्षको की जाने चली गयी है। मतगणना को टाल क्यां नही दिया जाता है, जिससे हम लोगों की जान बची रहे और हम अपने
परिवार के साथ सुरक्षित रहे। उन्होने कहा कि कोरोना जब फैल रहा था तभी हम सभी ने चुनाव आयोग से चुनाव टालने की मांग की गयी लेकिन
आयोग द्वारा हमारी कोई बात नही सुनी गयी और आज स्थिति सबके सामने है। कई कर्मचारी की इस संक्रमण के कारण मौत हो चुकी है। उन्होने
आरोप लगाते हुएकहा कि केवल बेसिक शिक्षकों को ही सारे कामों में लगाया जाता है, जबकि राजकीया शिक्षकों और माध्यमिक शिक्षकों से चुनाव के
दौरानी डयूटी नही ली गयी। उन्होने कहा कि मतगणना में कलने वाले कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण का भय सता रहा है और हम यह चाहते है कि
मतगणना रोक दी जाये, ताकि इसमें लगने वाले कर्मचारी और उनक परिवार सुरक्षित रहें।
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