स्वास्थ्य इकाइयों पर मना सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस
-गर्भवती की हुई मुफ्त जाँच और स्वस्थ रहने के दिए गए टिप्स
-अन्तराल दिवस भी मना, परिवार नियोजन साधनों का वितरण
कन्नौज ब्यूरो पवन श्रीवास्तव के साथ आलोक प्राजपति
हिंदुस्तान न्यूज एक्सप्रेस कन्नौज संवाददाता। हर गर्भवती को प्रसव पूर्व जांच सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कोविड-19 के सभी नियमों का पालन करते हुए शुक्रवार को जिले के सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस के साथ अंतराल दिवस भी मनाया गया। चिकित्सकों ने दूसरे व तीसरे त्रैमास की गर्भवती का स्वास्थ्य परीक्षण किया और डायविटीज, हीमोग्लोबिन,एचआईवी जांच करने के अलावा सेहत पर विशेष ध्यान देने का सुझाव दिया।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान भारत सरकार की एक पहल है,इसमें हर महीने की नौ तारीख को गर्भवती की पूर्ण जाँच की जाती है।इससे यह पता लगाया जाता है कि कहीं कोई गर्भवती उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था (एचआरपी) में तो नहीं है।इसके तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हसेरन में पीएमएसएमए के लाभार्थियों की ग्रुप काउंसलिंग की गई। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ जगदीश निर्मल ने बताया कि 67 गर्भवती का परीक्षण किया गया, जिनमें से 8 महिलाओं को उच्च जोखिम वाली गर्भवस्था में रखा गया है। इनका हिमोग्लोबिन 7 मिलीग्राम से कम था।उनको आयरन सुकरोज के इंजेक्शन लगाये गए जिससे उनमे आई खून की कमी को दूर किया जा सके। इसके साथ ही आयरन,कैल्शियम की गोलियों सहित आवश्यक दवाएं दी गयीं। परिवार नियोजन के साथ ही कोविड-19 से बचाव के बारे में भी जानकारी दी गई।अनचाहे गर्भ धारण से बचने के लिए छह महिलाओं को अंतरा इंजेक्शन लगाएं गये। डॉ. निर्मल ने कहा कि जो महिलाएं एचआरपी (हाई रिस्क प्रेग्नेंसी) चिन्हित हुई हैं , प्रसव होने तक उनको विशेष निरीक्षण में रखा जाएगा, वह संस्थागत प्रसव ही करायें इसके लिए उनके परिवार को समझाया जाएगा। उन्होने कहा कि कोरोना वायरस काफी खतरनाक है। इस दौरान गर्भवती को भी खास ख्याल रखने की जरूरत है। सीएचसी हसेरन की स्त्री रोग विशेषज्ञ डा.आरती सिंह ने बताया कि अगर किसी महिला को पहले से हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है तो ऐसे में उसे अपनी गर्भावस्था के दौरान सचेत रहने की जरूरत है।महिलाओं का हीमोग्लोबिन 11 से 14 एमजी के बीच होना चाहिए। एनिमिया (खून की कमी ) की वजह से उन्हें संक्रमण की संभावना ज्यादा रहती है।जिसकी वजह से समय से पहले प्रसव हो जाता है। इसलिए महिलाओं को संतुलित आहार लेना चाहिए। गर्भ में जुड़वा या इससे अधिक शिशु पलना, गर्भावस्था के दौरान अत्याधिक रक्तस्त्राव, गर्भाशय की विकृति या असामान्यता, धूम्रपान व मादक पदार्थों ड्रग्स का सेवन, प्रेग्नेंसी इंड्यूस्ड डायबिटीज, ज्यादा वजन होना इत्यादि भी हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के लक्षण हैं।इस दौरान डा. विकास वर्मा, ए.आर.ओ. वीरपाल सिंह, ए.एन.एम. सोनम मिश्रा, वीसीपीएम विवेक कुमार ,सत्य प्रकाश तथा गर्भवती मौजूद रही।