फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग के खिलाफ लिखी रिपोर्ट का मामला पलटा
-आदेश अज्ञात का था, रिपोर्ट हुई नामजद
-ठठिया थानाध्यक्ष पर गिर सकती है गाज
कन्नौज ब्यूरो पवन श्रीवास्तव के साथ प्रिंस श्रीवास्तव
हिंदुस्तान न्यूज एक्सप्रेस कन्नौज संवाददाता।कन्नौज जिले के ठठिया थाने में सोमवार फेसबुक के सीईओ जुकरबर्ग सहित 49 अज्ञात लोगो के खिलाफ मुक़दमा दर्ज किया गया था जबकि सीजेएम धर्मवीर सिंह ने अपने आदेश में प्रार्थना पत्र में वर्णित कथानक के संबंध में किसी को नामित न करते हुए अज्ञात में सुसंगत धाराओं में रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिये थे। ठठिया थानाध्यक्ष ने मार्क जुकरबर्ग को नामजद करते हुए 49 अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट लिखी थी। अखबार व न्यूज़ एजेंसियों में खबर छपने के बाद यह मामला काफी सुर्खियों में आ गया।इस मामले में अब ठठिया थानाध्यक्ष के खिलाफ कार्यवाही होने की संभावना है।ठठिया के अधिवक्ता व सपा नेता अमित कुमार यादव ने सीजेएम न्यायालय में धारा 156 (3) के तहत मुकदमा दर्ज किया था।न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि फेसबुक आईडी से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर अभद्र टिप्पणी की जाती है तथा बदनामी की जाती है। जिससे उनकी छवि धूमिल हो रही है।मामले में मुकदमा पंजीकृत कराये जाने की प्रार्थना की गई है।न्यायाधीश द्वारा आदेश में कहा गया है कि साइबर सेल कन्नौज से आख्या आहूत की गई है। जिसमे साइबर सेल ने फेसबुक पेज का युआरएल,आइडी का विवरण उपलब्ध कराये जाने की दशा में आख्या प्रस्तुत किये जाने का गठन किया।यूआरएल आईडी के बिना विवरण उपलब्ध कराए जाने में असमर्थता जाहिर की। उक्त संबंध में न्यायालय द्वारा आवेदक से विवरण उपलब्ध कराए जाने की उपेक्षा की गई परंतु आवेदक के द्वारा विवरण उपलब्ध नहीं कराया गया।न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि अभिलेखीय साक्ष्य से दर्शित होता है कि फेसबुक पेज पर समाजवादी पार्टी के नेताओ के संबंध में अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया जिससे अपराध कारीद किया जाना प्रथम दृष्टया दर्शित होता है परंतु आवेदक द्वारा आहूत विवरण न कराये जाने के कारण विपक्षी गण के शामिल होने के ठोस आधार उपलब्ध नहीं है।प्रकरण के निष्कर्ष हेतु प्रार्थना पत्र में वर्णित कथानक के संबंध में पुलिस द्वारा अन्वेषण कराया जाना आवश्यक व विधि सम्मत है।सीजेएम ने यह आदेश 18 नवम्बर को दिया था।सोमवार को रिपोर्ट दर्ज होने के बाद जब अखबारों व न्यूज़ एजेंसी की खबरों ने इस मामले ने तूल पकड़ा और जुकरबर्ग के कारण यह मामला पूरे देश में चर्चा में आया। तभी पुलिस ने बचने के लिए उनके नाम को हटाने की बात कह दी और नाम हटा दिया लेकिन अब यह मामला इसलिए तूल पकड़ गया है जब नामजद रिपोर्ट का आदेश ही नही था तो नामजद रिपोर्ट कैसे हुई।ठठिया थानाध्यक्ष पर गाज गिर सकती है।पुलिस अधीक्षक प्रशान्त वर्मा ने बताया कि सीजेएम के आदेश में स्पष्ट निर्देश था कि रिपोर्ट अज्ञात में लिखी जायेगी तो फिर नामजद रिपोर्ट कैसे दर्ज हो गई इसकी जांच की जा रही है।इस मामले में कार्यवाही अवश्य की जायेगी।