विधायक होने के बावजूद उनके पास पावर नहीं थी: भगवती
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। बिल्हौर विधानसभा से भाजपा विधायक भगवती प्रसाद सागर ने पार्टी को छोड़ी। उनका कहना है कि अभी उन्होने इस्तीफा नहीं दिया है। भगवती प्रसाद सागर ने भाजपा को अलविदा कहने के पीछे कई तक्र गिनाईं, उन्होने कहा कि विधायक होने के बावजूद उनके पास पावर नहीं थी, पार्टी में साढ़े चार साल से वह संघर्ष कर रहे थे। उनका कहना है कि जाति व्यवस्था के शिकार लोगों को अभी भी न्याय नहीं मिल रहा है।
उन्होने भाजपा पर उपेक्षात्मक रवैये का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उन्होंने पार्टी छोड़ दी है लेकिन अभी इस्तीफा नहीं दिया है।विधायक भगवती प्रसाद सागर ने कहा कि 6743 जातियों के बंटे हुए समाज को एकजुट करने और उन्हें न्याय दिलाने के लिए बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम ने पार्टी का गठन किया था। उसी समय वह भी उस मूवमेंट से जुड़े थे। उन्होंने कहा कि मैने कभी सोचा नहीं था कि विधायक और मंत्री बनूंगा। भाजपा में जब आए तो सोचा कि जाति व्यवस्था के शिकार लोगों को न्याय दिलाने में और काम करेंगे लेकिन यहां पर लगातार उपेक्षात्मक व्यवहार हो रहा था।
- आरक्षण खत्म होने साजिश
विधायक भगवती प्रसाद सागर ने कहा कि सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास के नारे का असर नहीं दिख रहा है। उन्होंने कहा कि पढे लिखे लोग आउटसोर्सिग पर आठ से दस हजार की नौकरी करने पर मजबूर हैं। सरकारी संस्थान बिक रहे हैं। उन्होेने आरोप लगाया कि संविधान से छेड़छाड़ हो रही है। आरक्षण खत्म करने का कुचक्र रचा रहा है। उन्होंने कहा कि जब सरकारी संस्थान ही नहीं रहेंगे तो आरक्षण कहां बचेगा। ऐसे में आरक्षण की वजह से जो मिला, वह सब खत्म हो जाएगा। ऐसे मे इसे बचाने के लिए यह निर्णय लिया गया है।