लता मंगरेशकर हुई कोरोना संक्रमित अस्पताल ए दाखिल
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस मुंबई मशहूर गायिका भारत रत्न लता मंगरेशकर कोरोना संक्रमित हो गई हैं। 92 साल की लता दीदी को मु्बई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। ICU में उनका इलाज चल रहा है। उनमें हल्के लक्षण मिले हैं, लेकिन उम्र अधिक होने के कारण खतरा बताया जा रहा है। डॉक्टरों की एक विशेष टीम नजर रखे हुए हैं। थोड़ी देर में हेल्थ बुलेटिन जारी हो सकता है। मुंबई में कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं। अब तक कई बड़ी हस्तियां संक्रमित हो चुकी हैं। लता मंगेशकर के संक्रमित होने और अस्पताल में भर्ती होने की खबर सामने आने के बाद प्रशंसकों ने उनके जल्द स्वस्थ्य होने की कामना शुरू कर दी है। सोशल मीडिया पर मैसेजेस किए जा रहे हैं।देश में कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है। सवाल यही है कि क्या इस बार भी दूसरी लहर जितना नुकसान होगा? तीसरी लहर में कितने केस रोज आएंगे? क्या तीसरी लहर में भी लॉकडाउन लगेगा? तीसरी लहर कब खत्म होगी? अलग-अलह से अध्ययन किया जा रहा है और पता लगाया जा रहा है कि आखिर तीसरी लहर कब तक रहेगी? कब इसका पीक आएगा और कब केस कम होना शुरू होंगे? खबर यह है कि आईआटी कानपुर के प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल ने अनुमान लगाया है कि मार्च 2022 में कोरोना की तीसरी लहर खत्म हो जाएगी। मनिंद्र अग्रवाल कोरोना महामारी पर अध्ययन के लिए बनाए गए भारत सरकार के सूत्र मॉडल के प्रमुख भी हैं।
कोरोना की तीसरी लहर को लेकर आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल का कहना, ‘कोविड -19 महामारी की तीसरी लहर भारत में मार्च के मध्य तक कमजोर पर जाएगा या खत्म हो जाएगी। अग्रवाल ने यह भी भविष्यवाणी की कि तीसरी लहर जनवरी के अंत तक चरम पर पहुंच सकती है। इस दौरान हर दिन चार से आठ लाख मामले रोज आने की आशंका है। इस बारे में अगले तीन से चार दिनों में तस्वीर साफ हो जाएगी। कोरोना की तीसरी लहर के पीक के दौरान दिल्ली और मुंबई में सबसे ज्यादा प्रभावित रहेंगे। यहां रोज 50 हजार से 60 हजार केस आ सकते हैं।
आशंका जताई जा रही है कि कोरोना के केस बढ़ने पर एक बार फिर लॉकडाउन लगाया जा सकता है। लॉकडाउन पर मनिंद्र अग्रवाल ने कहा कि एक सख्त लॉकडाउन हमेशा मदद करता है लेकिन फिर इसे नकारात्मक पक्ष के साथ बंद करना पड़ता है, जो कि बहुत से लोगों के लिए आजीविका का पूर्ण नुकसान है। इस कारण लॉकडाउन को अंतिम विकल्प के रूप में देखा जाना चाहिए। सबसे पहले तो लोग नियमों का पालन करें। भीड़ को रोकने के लिए सरकारें नियम बनाएं। कंटोनमेंट जोन बनाए जाएं। इससे फर्क पड़ेगा। बिना मास्क के कोई बाहर न निकले। बीमार, बुजुर्ग और बच्चे जहां तक संभव हो, बाहर निकलने से बचें।