राष्ट्र धर्म सर्वोपरि हो,इसी से होगी संकटों की निवृति शंकराचार्य
- श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन प्रवचन में उमडी श्रद्वालुओं की अपार भीड
कन्नौज ब्यूरो पवन श्रीवास्तव के साथ प्रिंस श्रीवास्तव
हिंदुस्तान न्यूज एक्सप्रेस कन्नौज संवाददाता।अवान्तर भानपुरा पीठ मध्यप्रदेश के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ ने आज यहां कहा कि राष्ट्र धर्म सर्वोपरि होना चाहिए।इसी से सारे संकटों से निवृति होगी।श्री शंकराचार्य कन्नौज के तलैया पुलिस चैकी के सामने श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर के प्रांगण में श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन प्रवचन कर रहे थे।स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ ने कहा कि भगवत विरोधी प्रवत्ति ही आपत्तियो का मूल कारण बनी हुई है।यह संसारी मोह बस धर्म तथा विश्व रक्षक भगवान को भूलकर संसार के वर्तमान सौंदर्य से आकर्षित होकर परस्पर होड़ से विषय वासना की सामग्री के संग्रह करने में लगे हुए हैं।मैं,मेरा,तू,तेरा का भाव प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इस अंधाधुंध परिणाम का किसी को ध्यान नहीं है।श्री शंकराचार्य ने कहा कि इष्ट विरोधी प्रवत्ति ने ही पारस्परिक विरोध उत्पन्न कर दिया है।उन्होंने सलाह दी कि असद प्रवत्ति को छोड़कर राष्ट्र देव के चिंतन में लग जाएं तो समस्त विश्व का भला कर सकते हैं।राष्ट्र धर्म सर्वोपरि होना चाहिए। इसी से संकटों की निवृति होगी।श्री शंकराचार्य ने गोपियों की कथा सुनाते हुए कहा कि काम वासना के अधीन नहीं भगवान के आधीन में ही सदैव भला है।