तीन दिवसीय गायत्री जयंती समारोह एवं गंगा दशहरा
-अच्छे विचारों से ही होगा बुरे विचारों का शमन
-गायत्री महायज्ञ में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने दी आहुति
-पांच युवाओं का हुआ यज्ञोपवीत संस्कार
कन्नौज ब्यूरो पवन श्रीवास्तव के साथ प्रिंस श्रीवास्तव
हिंदुस्तान न्यूज एक्सप्रेस कन्नौज संवाददाता।नगर के एसबीएस इण्टर कॉलेज में चल रहे गायत्री जयंती एवं गंगा दशहरा समारोह के दूसरे दिन गुरुवार को शांतिकुंज हरिद्वार से प्रतिनिधि रूप में पधारे डी पी सिंह ने कहा कि वर्तमान में युग परिवर्तन की बेला चल रही है। सकारात्मक और नकारात्मक व देवीय व असुरीय शक्तियां अलग अलग प्रकार से चल रही है लेकिन अच्छे विचारों से ही बुरे विचारों का शमन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि देव संस्कृति पूरी तरह से सनातन और वैज्ञानिक है। देव संस्कृति परंपरा के पुनर्जागरण हेतु हम सभी लोग स्मरण करते हैं और हमारी संस्कृति में यज्ञ और गायत्री से ही दिन की शुरुआत होती थी।अर्थात गायत्री मंत्र का जाप और यज्ञ होता था। देश सोने की चिड़िया और जगतगुरु के नाम से विख्यात था। कालान्तर में यह प्रक्रिया कम हुई जिससे देश का वह स्थान नहीं रहा। उन्होंने कहा कि गायत्री परिवार द्वारा इस परंपरा को फिर पुनर्जीवित किया जा रहा है। कोरोना और दुर बुद्धि से बचने के लिए गायत्री को अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि खान पान और जीवन चर्या को बदलना होगा। पर्यावरण की सुरक्षा और जल संरक्षण के प्रति सजग होना होगा।नई पीढ़ी को संस्कारवान बनाने की जरूरत है। बिलग्राम से पधारे रावेंद्र कुमार बापेपई रामू भईया ने कहा कि जो कुछ हमारे पास है वह हमे यहीं से मिला है और जो है वह देने के लिए मिला है।ऋषि परंपरा में तप द्वारा ही सारे कार्य हुए हैं।गंगा का अवतरण भी तप से हुआ। परम पूज्य गुरुदेव ने भागीरथ प्रयत्न करके और गायत्री का अवतरण करके शिवत्व की भूमिका निभाई।आज गायत्री के माध्यम से पूरा विश्व जुड़ गया है।इस मौके पर श्रीमती शिवम्बडा सिंह ने कहा कि उपासना, साधना और आराधना तीन काम बहुत जरूरी है।बंदायू से पधारी पूनम अरोड़ा व बिहार से पधारे चंद्रेश राज रानी ने भी विचार व्यक्त किए। आज सुबह गायत्री महायज्ञ में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने हवन में आहुति दी। अंकुर दुबे, कुलदीप अवस्थी, विनय दुबे, विकास पाठक, विवेक दुबे के यज्ञोपवीत संस्कार संपन्न किए गए।इस मौके पर बाबा नंद किशोर, सूरज पाल, राजेश पाल, अशोक कुमार गुप्ता, सुरेश कुमार गुप्ता, राजेश गुप्ता, प्रदीप श्रीवास्तव पिंकू, श्याम जी प्रजापति, सुनीषकुमार शर्मा सोनू, रंजीत कश्यप, सोनू यादव, रामसेवक यादव, रोहित कश्यप, अंकित पाल, कन्हैया पटेल, सोनू कुशवाहा, शैलेंद्र कुशवाहा, मनीष कुशवाहा, पंकज कुशवाहा, प्रज्ञेश शर्मा, हिमांशु सक्सेना, राजन कश्यप, नमन कुशवाहा, दीपू शर्मा, बब्बन, मुकेश ठाकुर, सत्यप्रकाश कुशवाहा, सुरुचि कुशवाहा, वैभव कश्यप, पिंकू प्रजापति, अमित बाथम, महेंद्र बाथम, माया गुप्ता, उमा गुप्ता, सुमनलता कटियार, माया शर्मा, अनीता शर्मा, मीरा श्रीवास्तव, अंकिता कुशवाहा प्रमुख रूप से मौजूद रहे।