सांसद ने दिया "अजेय बूथों" का सक्सेस मन्त्र |
--- बूथ सशक्तिकरण अभियान के तहत सांसद कैम्प कार्यालय पर 5 विधान सभाओं व 18 मंडल के अध्यक्षों संग हुई बैठक |
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | मिशन 2024 कि तैयारीयों को लेकर यूपी के हर जनपद मे भाजपा के प्रत्येक बूथ को अजेय बूथ "* बनाने के लक्ष्य प्राप्ति का संकल्प लेकर भाजपा द्वारा बूथ सशक्तिकरण अभियान 25 मई से 31 जुलाई तक संचालित कर रही है जिसको लेकर लोकसभा कानपुर नगर अंतर्गत सभी मंडल अध्यक्षों व सुपर -30 सदस्यों के साथ सांसद कैम्प कार्यालय पर एक बैठक आहूत कि गयी। यह जानकारी के बावत सांसद सत्यदेव पचौरी ने बताया कि विगत दो चुनाव का आंकलन कर उन कमजोर बूथों कि पहचान कि गयी जिसके बाद उन्हें ए, बी व सी श्रेणी मे विभाजिए किया गया है। ( ए )- श्रेणी मे वें बूथ जो सशक्त है जहाँ पार्टी के प्रत्यासी कि जीत तय है व दूसरा,( बी ) - श्रेणी जहाँ बूथ पर प्रत्यशीयों को जीत के लिये कड़ी लड़ाई लड़ कर जीत सकती है तथा अंतिम (सी )-श्रेणी मे ऐसे कमजोर बूथों को शामिल किया गया जिसमे पार्टी का जीतना मुश्किल दिख रहा है। उन्होंने बताया कि आज सभी मंडल अध्यक्षों के साथ एक संवाद कार्यक्रम स्थापित कर तय किया गया कि टोली बनाकर बूथों पर पार्टी के ख़राब प्रदर्शन के कारणों का पता लगाने के लिये शहर के सभी बूथों का दौरा किया जायेगा। इसके लिये सुपर -30 सदस्यों कि एक टीम बनायीं गयी है जिसका कार्य कार्यकर्ताओं, विचार परिवार के सदस्य, समाजिक व प्रभावशाली व्यक्तियों *(पत्रकार, डाक्टर, शिक्षक, व अधिवक्ताओं)* के साथ क्षेत्रीय निवासियों एवं स्थानीय संगठन तथा लाभार्थियों के साथ संवाद स्थापित करना है। इस वावत संवाद के दौरान कार्यकर्ताओ को सांसद पचौरी ने बूथों कि जीत का सक्सेस मंत्र बताते हुये कहा कि इस बार पार्टी ने *"अजेय बूथों "का निर्माण करने के लिये हमें जातीय समीकरणो, अंदरूनी गुटबाजी, के साथ विपक्षी दल के नेता कि उपस्थिति, व स्थानीय मुद्दों का प्रभाव के साथ, विपक्षी व नेताओं के प्रदर्शन एवं केंद्र सरकार कि योजनाओं कि पहुँच और जागरूकता कि आवश्कता होंगी टोली के सदस्यों को आगामी चुनाव मे ऐसे बूथों को जितने के लिए इन बर्तमान मुद्दों को हल करना होगा इन सफलतम रणनीति के साथ हमारा बूथ निश्चित रूप से अजेय बनेगा।
उक्त बैठक मे आज प्रमुख रूप से कौशल किशोर दीक्षित,रामदेव शुक्ल गणेश शुक्ला,लखन लाल ओमर, विनोद शुक्ल, आदि मौजूद रहें।