नेत्र की ज्योति प्रदान करती मां कूष्मांडा का नीर, मराठा शैली में का बना है प्राचीन मंदिर।
U- दूर -दूर से दर्शन करने आते है भक्त
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस घाटमपुर। नगर समेत क्षेत्र में नवरात्रि के चतुर्थ दिन मां कूष्मांडा देवी के दर्शन करने भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है, नगर स्थित मां कूष्मांडा देवी मंदिर में सुबह से भक्त भारी संख्या में मां कूष्मांडा के दर्शन करने पहुंच रहे है। इसके लिए प्रशासन ने सुरक्षा के इंतजाम किए है। वही मंदिर की निगरानी सीसीटीवी कैमरे से हो रही है। आज शाम को यहां पर दीप दान के कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस दौरान यहां पर लाखों की संख्या में भक्त पहुंचेंगे।
घाटमपुर नगर में मां कुष्मांडा देवी शक्ति पीठ मंदिर स्थित है, मंदिर लगभग एक हजार वर्ष पुराना बताया जाता है। नवरात्रि के चौथे दिन मां दुर्गा के स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है, नगर व क्षेत्र में मां कूष्मांडा मंदिर भक्तो के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। भक्त यहां पर मां को मिठाई, नारियल, चुनरी, चढ़ाते है। मंदिर परिसर में मुंडन व जनेऊ आदि मांगलिक कार्यक्रम होते रहते है। मां कूष्मांडा के मंदिर में कई वर्षो से अखंड ज्योति जल रही है। मान्यता के मुताबिक लगभग एक हजार वर्ष पहले कुड़हा नाम का ग्वाला इस जगह पर अपनी गाय चराया करता था। चरवाहे की गाय एक स्थान पर खड़ी हो जाती थी, जिसके बाद गाय का दूध अपने आप जमीन पर गिर जाता था। जब इस जगह पर खोदाई की गई तो मां की पिंडी निकली। चरवाहे के नाम पर मां का नाम कूष्मांडा पड़ा। मां कूष्मांडा की पिंड से लगातार जल रिसता रहता है। मान्यता है, कि इस जल को यदि आंखों पर लगाया जाए तो अनेक रोग दूर होते हैं। मंदिर के गर्भगृह में मां की पिंडी स्थापित है। मां यहां पर लेटी हुई मुद्रा में भक्तों को दर्शन देती है।
- मां कूष्मांडा देवी मंदिर का इतिहास
इतिहासकारों के मुताबिक मंदिर की नींव राजा घाटमपुर दर्शन ने सन् 1380 में रख्खी थी, उन्ही के नाम पर नगर का नाम घाटमपुर रख्खा गया। नगर निवासी चंदीदीन भुर्जी ने सन् 1890 में इस प्राचीन मंदिर का निर्माण कराया था। इतिहासकारों की माने तो मराठा शैली में बने मंदिर में स्थापित मूर्तियां संभवत: दूसरी से दसवीं शताब्दी के मध्य की हैं। भदरस गांव निवासी एक कवि उम्मेदराय खरे ने सन 1783 में फारसी में ऐश आफ्जा नाम की पांडुलिपि लिखी थी, जिसमें मां कुष्मांडा और भदरस की मां भद्रकाली का वर्णन है।
- सीसीटीवी कैमरे से हो रही निगरानी
घाटमपुर सीओ तेजबहादुर सिंह ने बताया कि मां कूष्मांडा देवी मंदिर की सुरक्षा सीसीटीवी कैमरे से हो रही है। साथ ही सुरक्षा के लिए मंदिर में पीएसी बल के साथ पुलिस बल तैनात किया गया है। समय समय पर अधिकारी भी निरीक्षण कर रहे है।
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