फसल अवशेष प्रबंधन पर चलाया स्कूल स्तरीय जागरूकता अभियान |
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | सीएसए के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर द्वारा फसल अवशेष परियोजना अंतर्गत स्कूल विद्यार्थी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम नेहरू इंटर कॉलेज गजनेर कानपुर देहात में आयोजित किया गया। जिसमें 135 से भी अधिक छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। यह कार्यक्रम कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर के मृदा वैज्ञानिक डॉ खलील खान के नेतृत्व में संपन्न हुआ। जिसमें डॉ खलील खान द्वारा बताया गया कि किसान फसल अवशेषों में आग लगा देते हैं। जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है साथ ही साथ मृदा में पोषक तत्वों का नुकसान होता है।उन्होंने छात्र-छात्राओं को जागरूक करते हुए बताया कि पराली को खेत में मिला देने से मृदा की उर्वरा शक्ति बढ़ती है।उन्होंने ने बताया कि खेत के अंदर जीवांश की मात्रा कम होने के कारण सब्जियों,फलों एवं अन्य फसलों में स्वाद व गुणवत्ता की बहुत कमी आ जाती है। जो कि फसल अवशेषों की खाद को मृदा में मिलाने से बढ़ाई जा सकती है। इस अवसर पर केंद्र के वैज्ञानिक डॉ शशिकांत द्वारा बताया गया कि पशुओं द्वारा गोबर की खाद को मिलाने व फसल अवशेषों को मिलाने से मृदा में जीवांश क्षमता बढ़ती है। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन पर निबंध लेखन,चित्रकला एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेश सिंह ने सभी अतिथियों को धन्यवाद दिया। साथ ही छात्र छात्राओं से कहा कि अपने अभिभावकों को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में जानकारी अवश्य दें। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक जितेंद्र कुमार, सुशील कुमार सचान, रबिन्द्र सिंह एवं ज्ञानेंद्र यादव सहित अन्य विद्यालय स्टाफ उपस्थित रहे।
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