शास्त्रार्थ महाविद्यालय में ज्योतिष शिविर शुरू
*ज्योतिषशास्त्र के ज्ञानार्जन हेतु पंचांग का बोध आवश्यक* – डा.आमोद दत्त शास्त्री
*बिना पंचांग के धार्मिक पर्व का महत्व ज्ञात नहीं हो सकता– डा.सारनाथ पाण्डेय
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस वाराणसी भारतीय ज्योतिष प्रणाली से बनाए तिथि पत्र को पंचांग कहते हैं । पंचांग के पाँच अंग हैं :- तिथि, वार, नक्षत्र, योग तथा करण । पंचांग में इनके अतिरिक्त दैनिक, दैनिक लग्नस्पष्ट, ग्रहचार, ग्रहों के सूर्यसान्निध्य से उदय और अस्त और चंद्रोदयास्त दिए रहते हैं । इनके अतिरिक्त इनमें विविध मुहूर्त तथा धार्मिक पर्व आदि दिए रहते हैं अत: इसका महत्व धार्मिक जीवन के काफी मायने रखता है । उक्त बातें बुधवार को दशाश्वमेध स्थित श्री शास्त्रार्थ महाविद्यालय में आयोजित दस दिवसीय ज्योतिष शिविर के शुभारम्भ अवसर पर ज्योतिषाचार्य डा.आमोद दत्त शास्त्री ने कही । इन्होनें बताया कि जगत् के समस्त पंचांगों की उत्पत्ति प्राचीन काल में धार्मिक क्रियाओं के समय निश्चित करने के लिए हुई है । बाद में उनमें सामाजिक उत्सव और वर्तमान काल में राजकीय महत्व के कार्यक्रम भी शामिल किए गए हैं । हमारे समस्त प्राचीन सामाजिक उत्सवों को भी धार्मिक स्वरूप दिया गया है । हमारे भारत देश में कई शताब्दियों से विविध धर्म प्रचलित हैं । इससे हमारे पंचांग भी विविध प्रकार के बने हैं । मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पूर्व चिकित्साधिकारी डा.सारनाथ पाण्डेय ने अपने संबोधन में कहा की आज ज्योतिषशास्त्र का काफी महत्व है । इसके बिना किसी भी प्रकार का मांगलिक व शुभारम्भ कार्य करना गलत माना जाता है । अत: इसके प्राथमिक ज्ञान के लिए इस प्रकार के शिविरों का आयोजन आवश्यक है । इस अवसर पर उपस्थित समिति के वरिष्ठ सदस्य डा.शेषनारायण मिश्र व विनोद सिंह ने महाविद्यालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की भूरी-भूरी प्रशंसा की व कहा कि आगे भविष्य में इस प्रकार के आयोजन को छात्रहित में और प्रोत्साहित किया जाएगा । अध्यक्षता डा.विनोद राव पाठक ने किया । इस दस दिवसीय ज्योतिष शिविर के संचालक डा.पवन मिश्रा हैं जिन्होंने आज शुभारम्भ अवसर पर पंचांगों में वर्णित उत्सवों और व्रतों के अतिरिक्त ग्रहण, सूर्योदयास्त इत्यादि इष्ट घटनाओं के समय व आकाश में ग्रहों की स्थिति आदि का वर्णन कर विद्यार्थियों को इसका महत्व समझाया । शिविर के संयोजक व संस्था के प्राचार्य आचार्य पवन शुक्ला ने बताया कि आज शुभारम्भ अवसर पर 55 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और आगे यह संख्या बढ़ने की सम्भावना भी है । इस शिविर के मध्यान दिवस में ज्योतिष विद्वानों के संक्षिप्त व्यख्यान को भी आयोजित करने का प्रयास चल रहा है ताकि शैक्षिणक बोधतत्व के साथ बौद्धिक ज्ञान भी छात्रों को मिल सके ।