चतुर्थ दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने पेन्ट टेक्नोलाजी के छात्रों देव को स्वर्ण, उत्कर्ष को रजत सहित 670 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की।
U-महामहिम ने युवा पीढ़ी से अपील करते हुए कहा.. समाज के कमजोर एवं वंचित वर्गाे के उत्थान हेतु कार्य करें।
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय का चतुर्थ दीक्षान्त समारोह गुरुवार को विवि के पश्चिमी प्रांगण स्थित शताब्दी भवन में सम्पन्न हुआ। समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने की। समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक बैंक ऑफ बडौदा डॉ. अनिल कुमार खण्डेलवाल, मंत्री प्राविधिक शिक्षा विभाग आशीष पटेल, विवि के कुलपति प्रो. शमशेर, कुलसचिव प्रो. नीरज कुमार सिंह एवं सभागार में उपस्थित विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य अधिकारी व कर्मचारीगण एवं छात्र छात्रायें उपस्थित रहे।
राज्यपाल द्वारा प्राथमिक विद्यालय बाई जी के बाग आजाद नगर के 30 विद्यार्थियों को प्रेरणादायी पुस्तकें एवं फल वितरण किया गया।राज्यपाल के द्वारा देव तिवारी, उत्कर्ष त्रिपाठी पेन्ट टेक्नोलाजी के छात्रों को कुलाधिपति स्वर्ण एवं रजत पदक प्रदान किये गये। विश्वविद्यालय के शिक्षकों प्रो. आर. के. शुक्ला फिजिक्स विभाग, प्रो. सुनील कुमार सिविल इंजी. विभाग, प्रो. नरेन्द्र कोहली सीएसई विभाग को उनके उत्कृष्ठ कार्यों के लिये कुलाधिपति द्वारा सम्मानित किया गया। राज्यपाल के नैक के मूल्यांकन हेतु छात्र एवं शिक्षकों को प्रयासरत रहने हेतु प्रेरित किया। उन्होनें विश्वविद्यालय को नेशनल रैंकिंग में ही नहीं अपितु एशिया व विश्व रैंकिंग में आने की अपेक्षा की।
राज्यपाल आनंदीबेन ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत बनने का तात्पर्य है कि हमारे देश को हर क्षेत्र में खुद पर ही निर्भर रहना होगा तथा जिसमें वोकल फार लोकल सूत्र वाक्य को भी व्यवहार में लाना होगा। भारत को देश में ही हर वस्तु का निर्माण करना होगा। युवा पीढ़ी से अपील है कि लोगों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए समाज के कमजोर एवं वंचित वर्गाे के उत्थान हेतु आप कार्य करें, तभी हम राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी, पंडित दीन दयाल उपाध्याय एवं नाना जी देशमुख के सपनों ग्राम उदय से भारत उदय को साकार कर पायेंगे।उन्होंने कहा नई शिक्षा नीति का सबसे महत्वपूर्ण बिन्दु है मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम लागू होना, अभी यदि कोई छात्र तीन साल इंजीनियरिंग पढ़ने के बाद किसी कारणवश से आगे की पढ़ाई नहीं कर पाता है तो उसको पहले कुछ भी हासिल नहीं होता था, लेकिन अब मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम में एक साल के बाद पढ़ाई छोड़ने पर सर्टिफिकेट, दो साल के बाद डिप्लोमा और तीन-चार साल पढ़ाई पूरी करने पर डिग्री मिल सकेगी। प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने एचबीटीयू के गौरवशाली इतिहास को बनाये रखने की प्रेरणा दी।
मुख्य अतिथि डॉ. अनिल कुमार खण्डेलवाल ने कहा कि मैं 1970 में केमिकल इंजी. एचबीटीआई का छात्र रहा हूँ। मुझे हर्ष हो रहा है कि विश्वविद्यालय का सेवायोजन अच्छा है। उन्होंने बताया कि आज के युग में जीने और काम करने के लिये हमेशा तैयार रहने की जरुरत है, अपने जीवन को लम्बा और गतिशील बनाये रखने के लिये शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहने की आवश्यकता है। कुलपति द्वारा विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षान्त समारोह के शुभ अवसर पर विश्वविद्यालय परिवार व स्वयं की तरफ से हमारी मार्गदर्शक कुलाधिपति का अभिनन्दन किया।
शैक्षिक वर्ष 2021-22 में उत्तीर्ण 471 बीटेक, 46 एमटेक, 147 एमसीए एवं 6 पीएचडी पाठ्यक्रम के कुल 670 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गयी है।
कुलपति ने बताया कि हमारा विश्वविद्यालय उन चुनिन्दा तकनीकी विश्वविद्यालयों में से एक है,जिसने पिछले वर्ष ही अपने 100 गरिमामयी वर्ष पूर्ण किये है।
विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा पोषित विभिन्न विधाओं एवं क्षेत्रों में शोध कार्य प्रगति पर है। विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा 2021-22 में 266 शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय स्तर के जर्नल्स में प्रकाशित हुये हैं राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय संगोष्ठियों में प्रतिभाग कर शोध पत्र प्रस्तुत किये, जिसमें से 45 शोध पत्र प्रकाशित भी हुये। वर्ष 2021-22 में शिक्षकों एवं विभागों के कुल 02 अवार्ड/एचीवमेंटस प्राप्त हुये हैं। विवि के शिक्षकों द्वारा 19 पेटेन्ट/कापीराइट/आरपीआर प्रकाशित किये गये है, जिसमें विश्वविद्यालय में शोध एवं विकास की मजबूत स्थिति प्रतिविम्बित होती है।विश्वविद्यालय के छात्रों का गेट/कैट/जीआरई के साथ-साथ सिविल सेवा परीक्षाओं में भी शानदार प्रदर्शन रहा है।
|