निक्षय मित्र बनकर निभा रहे सामुदायिक जिम्मेदारी
*टीबी मुक्त अभियान
*जनपद में 138 निक्षय मित्रों ने 563 क्षय रोगी गोद लिए
*क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत चलेगा विशेष अभियान
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस जनपद को वर्ष 2025 तक क्षय मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार विभिन्न प्रयास कर रहा है। इसी क्रम में जनपद के गणमान्य और समाजसेवी संस्थाओं ने छह रोगियों को गोद लेकर अपनी सामुदायिक जिम्मेदारी निभाई है। यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ शिवचरण हैबरम ने दी। उन्होंने बताया जिला में अब तक 138 निक्षय मित्रों ने 563 क्षय रोगियों को गोद लिया है।
डीटीओ ने बताया कि क्षय रोग माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु से फैलता है। यह मुख्यतः फेफड़ों को प्रभावित करता है। इसके अलावा यह जीवाणु मनुष्य के अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है। उन्होंने ने जनपद के सभी समृद्ध वर्ग व समाजसेवी संस्थाओं से अपील की है कि आगे आकर क्षय रोगियों को गोद लें। इससे उन्हें निःशुल्क इलाज के साथ पोषण युक्त आहार वितरित कर क्षय मुक्त किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि जिला में 700 क्षय रोगियों को गोद लेने का लक्ष्य मिला है। मैं अपील करूंगा कि जिले में कोई भी गणमान्य, सामान्य सदस्य व समाजसेवी संस्थाएं क्षय रोगियों को गोद लेना चाहती हैं वह जिला क्षय रोग कार्यालय आकर संपर्क करे।
जिला कार्यक्रम समन्वयक़ कंचन तिवारी ने बताया कि जिले में इस वर्ष अब तक 3485 क्षय रोगी सरकारी अस्पताल व 754 क्षय रोगी निजी चिकित्सालय की ओर से चिन्हित किए गए हैं। इन्हें निशुल्क इलाज के साथ निक्षय पोषण योजना के तहत हर माह ₹500 दिया रहा है। उन्होंने बताया कि टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत दिसंबर में जनपद के सभी स्कूल कॉलेज ग्राम पंचायत सरकारी व निजी संस्थानों में विशेष कार्य योजना तैयार कर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इसमें क्षय रोग का निःशुल्क इलाज और जागरूक किया जाएगा।
जिला कार्यक्रम समन्वयक़ ने सलाह दी है कि असमय बुखार, कमजोरी, निरंतर वजन कम होने पर और दो हफ्ते से ज्यादा खांसी आने पर, लापरवाही न बरतें। लक्षण मिलते ही तत्काल अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर निःशुल्क टीबी की जांच कराएं। यदि क्षय रोग की दवा बीच में नहीं छोड़ें।