घर या रास्ते में मृत्यु को कौन करेगा प्रमाणित।
U- सभी सरकारी अस्पताल के डाक्टरो ने लिखित देने से किया एतराज।
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। मरीज को हॉस्पिटल ले जाते समय अगर रास्ते में उसकी मौत हो जाती है या घर पर अकस्मित मृत्यु होने पर अस्पताल का कोई भी डॉक्टर डेथ सर्टिफिकेट नहीं देता जिससे परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यही नही डाक्टर द्वारा अगर मृत्यु प्रमाण निर्गत नही किया जाता है तो घाट में मृत्यु प्रमाण के बिना दाह संस्कार भी नहीं होता। अब ऐसे में परिजन हॉस्पिटल के चक्कर लगता है वही हॉस्पिटल के डॉक्टरों का कहना है कि वह पर्चे में डेथ का कारण नहीं लिख सकते। अब ऐसी स्थिति में मृत्यु की प्रमाणिकता कौन सिद्ध करेगा जिससे समस्या का समाधान हो सके।
आपको बता दे कि आम तौर अक्सर देखा गया है कि कई मरीज अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड देते है। जब वह अस्पताल पहुंचते है तो डाक्टर्स उन्हें देख कर मृत तो घोशित कर देते है ,लेकिन उनको मृत्यु का कोई लिखित प्रमाण नही देते है जिसके चलते घाट पर दाह संस्कार भी होने में काफी दिक्कत होती है अब ऐसी स्थिति में परिजनो को अस्पताल के चककर लगाने पडते है। यह एक ऐसी विकट स्थिति है कि जिसमें कांशीराम , हैलट, उर्सला, केपीएम व कार्डियोलाजी समेत अन्य निजि अस्पताल भी मृत्यु हो जाने के बाद कोई भी प्रमाण पत्र लिखित रूप से नही देते है जिससे परिजनो को काफी दिक्कत का सामना करना पडता है। वही चिकित्सको का कहना है कि मृत्यु का कारण लिख पाना मुश्किल है क्यों कि मृत्यु का कारण तभी पता चल सकता है जब उसका पोस्टमार्टम किया जाए,लेकिन ऐसा हो नही पाता जिसके चलते मृत्यु का कारण नही लिखा जा सकता है।जब मरीज को लेकर अस्पताल पहुंचे है और उसकी मौत हो जाए तो उसको प्रमाणित करने वाला चिकित्सक मृत्यु होने की बात लिख सकता है,लेकिन मौत होने का कारण वह भी नही बता सकता है। लिहाजा मृत्यु को घोषित करने वाला चिकित्सक ही उसका प्रमाणित करने का अधिकार रखता है।
नगर स्वास्थ अधिकारी, डॉक्टर अजय शंखवार
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉक्टर संजय काला ने बताया की विदेशों में फैमिली मेडिसिन कानून लागू है जो मृत्यु का सर्टिफिकेट दे सकता है ऐसा हमारे देश में भी होना चाहिए जिससे परिजनों को मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने में सुविधा हो सके और उसका दाह संस्कार भी किया जा सके।
जीएसवीएम मेडिकल कालेज प्राचार्य प्रो0 डा0 संजय काला
कानपुर सीएमओ डॉक्टर आलोक रंजन का कहना है अगर हॉस्पिटल में डॉक्टर ब्रॉड डेथ लिख कर देता है तो वह कन्फर्म हो जाता है उसके साथ कुछ गलत नही हुआ .नगर निगम और घाट में परिजनों को कोई दिक्कत नही होनी चाहिए।
सीएमओ डा0 आलोक रंजन कानपुर नगर
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