चैत्र नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री का पूजन
-जिलेभर के देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
-भोर पहर से ही महिलाओं की लगने लगी थीं कतार
कन्नौज ब्यूरो पवन श्रीवास्तव के साथ प्रिंस श्रीवास्तव
हिंदुस्तान न्यूज एक्सप्रेस कन्नौज संवाददाता।चैत्र नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना करने को मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने माता रानी की पूजा कर मनौतियां मांगी। देर रात तक पूजा का क्रम जारी रहा और मंदिरों में घंटा घड़ियाल के स्वर सुनाई दे रहे थे। नवरात्र के शुभारंभ को लेकर पहले से ही नगर के विभिन्न मंदिरों पर तैयारियां की जा रही थी। मंगलवार की देर रात्रि ही मंदिरों को सजाधजा कर मूर्त रूप से दिया गया था। सुबह होते ही नगर में जय माता दी के उद्घोष सुनाई देने लगे थे। भक्त मंदिरों की ओर बढ़ते दिखाई दे रहे थे। नगर के सिद्धपीठ मां फूलमती देवी मंदिर पर देवी के दर्शन को श्रद्धालुओं की खासी भीड़ थी। लोग माता रानी की पूजा अर्चना कर दर्शन करने के लिए कतार लगाकर इंतजार करते दिखाई दे रहे थी। लोगों ने पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना करते हुए मनौतियां मांगी।मंदिर के पुजारी शिखर मिश्र ने सुबह आरती कर भक्तो को प्रसाद वितरित किया।नगर के काली दुर्गा मंदिर सरायमीरा, भद्रकाली मंदिर मकरन्द नगर, सिंह बाहिनी मंदिर, श्री आम्विका पथवारी देवी मंदिर भूडा, क्षेमकली मंदिर,बलायपुल स्थित संतोषी माता मंदिर,चौधरी सराय स्थित बाबा मनकामेश्वर मंदिर,मौरारी देवी, गोवधर्नी देवी मंिदर साहित अनेक मंदिरो में भक्तो की भारी भीड रही। पं. पारस शुक्ला "बाबू" ने बताया कि मां शैलीपुत्री का यह रूप अनेक नामों से लोक प्रसिद्ध है। सती, पार्वती, दुर्गा, उमा, अपर्णा, गौरी, महेश्वरी, शिवांगी, शुभांगी व पर्वत वासिनी नामों से इन्हें जाना जाता है। पर्वत राज शैलराज की पुत्री होने के कारण उनके इस रूप का नाम शैलपुत्री पड़ा। नवरात्र के प्रथम दिन इसी स्वरूप की पूजा अर्चना का विधान है।