बांग्लादेश में हिंदूओं पर अत्याचार के खिलाफ संतों सहित हजारों लोगों ने निकाली पदयात्रा प्रदर्शन
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। बीते 5 अगस्त से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार का मुंह तोड़ जवाब देने का समय आ गया है। जब अफगानिस्तान में कत्लेआम हो रहा था, तो वहां अमेरिका ने हमला किया था। बांग्लादेश पर हिंदुस्तानी सेना अटैक कर उसका एक बार फिर विलय कर लिया जाए। यह बातें बांग्लादेशी हिंदू रक्षा संघर्ष समिति के तत्वावधान में आयोजित विशाल धरने में शामिल हुए प्रमुख संतों ने कही।
बड़ा चौराहा स्थित जीएनके इंटर कॉलेज में बांग्लादेश में हो रही हिंसा के विरोध में विशाल धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। जिसमें लाखों की संख्या में लोग शामिल हुए। धरने को संबोधित करते हुए सिद्धनाथ धाम के महंत अरूण चैतन्यपुरी महाराज ने कहा कि अगर धर्म सुरक्षित नहीं रहा तो हम कैसे सुरक्षित रहेंगे। भारत माता की जय के नारे लगाते हुए कहा कि यह हुंकार इतनी जबरदस्त होनी चाहिए कि ढाका में बैठे उग्रवादियों का सिंहासन हिल जाए। कहा कि अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार की आवाज संयुक्त राष्ट्र संघ तक जाएगी। पूर्व क्षेत्र संघचालक वीरेंद्र जीत सिंह ने कहा कि बांग्लादेश में मंदिर, चर्च और मठ गिराए जा रहे हैं, इस्कॉन के स्वामी
चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार कर उन पर देशद्रोह का
मुकदमा चलाया जा रहा है। बांग्लादेशी शासन हिंदू संगठनों की आवाज कुचलने में जुटा हुआ है। पनकी मंदिर के महंत जितेंद्र दास व आनंदेश्वर मंदिर मंहत अरूण भारती ने कहा कि बांग्लादेश के फासीवादी शासन ने ही आतंकियों बिना रोक-टोक के धार्मिक उन्माद फैलाने दिया है। बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी भारत में राजनीतिक शरण ली है। बांग्लादेश की स्थिति पर यूनओ का सत्र बुलाया जाना चाहिए। करीब 2 घंटे तक चले धरने के बाद इंटर कॉलेज से मंडलायुक्त कार्यालय तक पदयात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में लोग भगवा ध्वज लहरा कर जय श्रीराम के नारे लगाते हुए निकले। इस दौरान पदयात्रा में भारत हो या बांग्लादेश हम सब हिंदू भाई एक, हिंदू वीरों की ललकार बंद करो नरसंहार, हिंदू का इतिहास है हिन्दू सबके साथ है... जैसे नारे लगे। मंडलायुक्त कार्यालय में संतों ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सहायक मंडलायुक्त रेणु सिंह को सौंपा। इस मौके पर रामानन्द आश्रम, रंगनाथाचार्य, श्याम प्रभु दास, महंत कृष्णापुरी, मां मंगलमुखी, महापौर प्रमिला पांडे, विधायक महेश त्रिवेदी, अरुण पाठक, राहुल बच्चा सोनकर, सुरेंद्र मैथानी, जिलाध्यक्ष दीपू पांडे, शिवराम सिंह, सरदार नीतू सिंह, गुरविंदर सिंह छाबड़ा मौजूद रहे।