विश्व एड्स दिवस की पूर्व संध्या पर निकाला कैंडल मार्च, पढ़ाया जागरूकता का पाठ
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। जन जागृति मंच के अध्यक्ष विनोद मिश्रा के नेतृत्व में रविवार को विश्व एड्स दिवस की पूर्व संध्या पर दबौली श्री पंचदेव मंदिर से कैंडल मार्च निकालकर लोगों को इस खतरनाक जानलेवा बीमारी के प्रति सतर्क रहने हेतु जागरूक किया गया कैंडल मार्च पंचदेव मंदिर से शुरू होकर दुर्गा मंदिर होते हुए दबौली मोड़ चौराहे पर पहुंचा इस अवसर पर उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए संस्था के अध्यक्ष एवं दूर संचार सलाहकार समिति के सदस्य विनोद मिश्र ने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य खतरनाक जानलेवा एड्स एचआईवी वायरस के प्रति जागरूकता बढ़ाना और गलत धारणाओं को दूर करना है यह एचआईवी पीड़ित के अधिकार और कलंक को खत्म करने पर भी जोर देता है इसका फुल फॉर्म एक्वायरड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम है बीमारी के प्रति सतर्कता बेहद जरूरी है जीवन की एक छोटी सी भूल का खामियाजा पीड़ित व्यक्ति को पूरा जीवन भुगतना पड़ता है एड्स पीड़ित मरीज को एचआईवी वायरस के संक्रमण से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है उसके शरीर में नाना प्रकार की बीमारियां घेर लेती हैं और धीरे-धीरे पीड़ित व्यक्ति अकाल मृत्यु का शिकार हो जाता है होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर हेमंत मोहन ने कहा ज्यादातर एड्स असुरक्षित यौन संबंध बनाने के कारण अथवा संक्रमित सुई से ड्रग्स लेने के कारण संक्रमित रक्त चढ़ने के कारण एड्स का शिकार हो जाता है उन्होंने बताया कि एड्स पीड़ित मरीज से किसी प्रकार की दुर्भावना नहीं रखनी चाहिए एड्स पीड़ित व्यक्ति के साथ खाना खाने उसके साथ उठने बैठने से किसी को एड्स नहीं होता इनके साथ सामान्य व्यक्ति की तरह व्यवहार करना चाहिए।इस अवसर पर सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉक्टर रामनारायण द्विवेदी ने कहा की शंका होने पर मरीज को किसी भी सरकारी अस्पताल में जांच करवा लेनी चाहिए जांच निशुल्क एवं गोपनीय रहती है इस अवसर पर सुप्रसिद्ध महिला होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ आरती मोहन ने कहा कि अब इलाज से एड्स पीड़ित व्यक्ति का लंबे समय तक जीवन चल सकता है इस अवसर पर सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ हेमंत मोहन जी ने संकल्प भी कराया कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रकाश वीर आर्य डॉ आरती मोहन डॉक्टर राम नारायण द्विवेदी रतन लाल नगर के पार्षद नीरज गुप्ता विक्रांत चौहान वेद प्रकाश अवस्थी नीरज तोमर समाजसेवी अनूप तिवारी आलोक मिश्रा प्रह्लाद दुबे आदि ने अपने विचार व्यक्त किये |
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