श्रीमद्भगवद्गीता जयंती: मोक्षदा एकादशी पर जगह जगह बनी मानव श्रृंखला
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | विश्व के महानतम- प्राचीनतम जीवन जीने की कला सिखाने वाली, जीवन के हर क्षेत्र में प्रगति का मार्ग बताने वाली, सिद्धि सुख व परमगति का उपाय बताने वाली, इंद्रियों पर नियंत्रण के लिए प्रोत्साहन देने वाली, ज्ञान भक्ति एवं कर्म में समन्वय स्थापित करने वाली श्रीमद् भगवद्गीता की 5164 वीं जयंती है, इस अवसर पर लाल बंगला के सरस्वती विद्या मंदिर डिफेंस कॉलोनी, सरस्वती शिशु मंदिर, विघा निकेतन,उदय विघा भवन आदि स्थानों पर मानव श्रृंखला बनाई गई। जिसमें नन्हे मुन्ने बच्चों गीता ग्रन्थ महान है आदि नारे लगा रहे आकर्षण का केंद्र बिंदु रहेमोर मुकुट ने अपने सम्बोधन में कहा कि. प्रतिदिन एक श्लोक का स्वाध्याय चिंतन करें और अपने अंदर के दोषों को ढूंढ कर दूर करें जिससे आप ज्यादा सुखी हो सकें। गीता का छोटा गुटका स्वाध्याय के लिए अपने पॉकेट में, अपने मेज पर रखें जिससे स्वाध्याय करने की विस्मृति न हो। अपने जन्मदिन पर, विवाह की वर्षगांठ पर एवं अन्य मांगलिक कार्यक्रमों पर लोगों को उपहार के रूप में श्रीमद् भगवद्गीता पुस्तक का उपहार अवश्य देना चाहिए।
दिलीप राजपूत ने कहा कि वर्ष में न्यूनतम एक बार गीता ज्ञानयज्ञ का आयोजन स्वयं करें और दूसरों को भी करने के लिए प्रेरित करें। गीता जयंती के दिन युवा पीढ़ी को गीता के नजदीक लाने के लिए सभी विद्यालयों में गीता संदेश मानव श्रृंखला बनाई गई है। डा के के शुक्ला ने अपने सम्बोधन में कहा कि विभिन्न अवसपर बातचीत में अपने नाम के साथ गीतानुरागी शब्द का प्रयोग करें जिससे कि लोगों का गीता पर ध्यान जाए। इस अवसर पर डा के के शुक्ला, मोर मुकुट, दिलीप राजपूत,डा दिलीप कुमार मिश्रा , पायल , अनिल पाण्डेय, संतोष कुमार,रीना, सरिता गुप्ता, सुकीर्ति दीक्षित,नीलम बाजपेई,बबली चौधरी,ऋचा, निकिता आदि लोग मौजूद रहे।