आत्मनिर्भर भारत निर्माण में कृषि विज्ञान केंद्रों की भूमिका
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (अटारी) कानपुर के निदेशक डॉ अतर सिंह ने बताया कि 1 जुलाई को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अटारी जोन 5 कोलकाता द्वारा कृषि विज्ञान केंद्रों की वार्षिक कार्यशाला का ऑनलाइन उद्घाटन के अवसर पर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने अपने उद्बोधन में कृषि विज्ञान केंद्रों की आत्मनिर्भर भारत निर्माण में भूमिका पर विचार रखते हुए कहा की जलवायु परिवर्तन के दौर में 45% कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी में कृषि विज्ञान केंद्रों की भूमिका रही है। उन्होंने कहा की नए किसानो को जोड़ने की आवश्यकता है। प्रत्येक कृषि विज्ञान केंद्र को एक गांव को लेकर उसे आदर्श गांव बनाएं तथा दूसरे किसानों को उसका अवश्य विजिट कराएं जिससे दूसरे किसान भी उस से प्रेरणा ले सकें। एक जनपद एक उत्पाद को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। औषधीय पौधों की खेती सीड हव द्वारा ग्रुप बनाकर गुणवत्ता युक्त बीज किसानों तक पहुंचे इस पर ध्यान केंद्रित करना होगा। प्रत्येक कार्यक्रम में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए तथा एकीकृत कृषि प्रणाली, ऑर्गेनिक, पशुपालन, खाद्यान फसले मॉडल प्रत्येक केंद्र पर अनिवार्य रूप से स्थापित किया जाना चाहिए जिससे ग्रामीण युवा रोजगार के प्रति आकर्षित हो सकें। जो कृषि विज्ञान केंद्र राजस्व जनित उपलब्धियां करें तो उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से भी पुरस्कृत करना चाहिए एफपीओ, किसान उत्पादन संगठन के दिशा निर्देश की जानकारी किसानों तक पहुंचाई जानी चाहिए 300 किसानों या इससे अधिक समूह पर एक्टिव से जोड़कर ₹2000 प्रति किसान सदस्यता शुल्क धनराशि भारत सरकार उपलब्ध कराती है एफपीओ को दो करोड़ तक का धन जिसमें 33% अनुदान की सुविधा है। एफपीओ के अंतर्गत वेतन ,कार्यालय, ट्रेंनिंग, विद्युत, कंप्यूटर आदि की व्यवस्था की जाती है इस अवसर पर उन्होंने किसानों के लिए कहीं भी अपना उत्पाद बेचने का निर्णय भारत सरकार द्वारा लिया गया है जिसका लाभ किसानों को मिलेगा अनुबंधित खेती की तरफ ₹100 के स्टांप पत्र पर इकरारनामा में निर्धारित शर्तों के अधीन निर्धारित मूल्य पर उत्पाद खरीदने की शर्त होगी। आदर्श कृषि विज्ञान केंद्रों का दृश्य दर्शन अन्य प्रदेशों के किसानों एवं वैज्ञानिकों को भी कराया जाना चाहिए प्रत्येक व्यक्ति की सोच होनी चाहिए कि आत्मनिर्भर भारत बनाने में उसका कितना योगदान है प्रत्येक ज्ञान और अनुभव का लाभ किसान तक पहुंचना चाहिए कृषि विज्ञान केंद्र मनोयोग से उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं निदेशक अटारी कानपुर के निदेशक डॉक्टर अतर सिंह ने केंद्र को किसानों की जीवन रेखा बताते हुए बीज उर्वरक सिंचाई एवं तकनीकी पर बल देते हुए जलभराव क्षेत्रों में गेहूं धान फसल चक्र में दलहन का समावेश कैसे हो इस प्रकार योजना बनाई जाए विपरीत परिस्थितियों में आकस्मिक योजना की तैयार की जाए ताकि खेती में होने वाले नुकसान की भरपाई की जा सके भारत सरकार द्वारा संचालित कृषि विकास की महत्वाकांक्षी योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि एफपीओ स्वयं सहायता समूह प्रवासी मजदूरों हेतु कार्य योजना परंपरागत तकनीकी ज्ञान एकीकृत फसल प्रणाली आज की जानकारी कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से किसानों तक पहुंचाई चाहिए। कृषि विज्ञान केंद्रों के सेवा नियम के अंतर्गत सेवानिवृत्ति उपरांत पेंशन इत्यादि उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है यह समस्या उत्तर भारत के राज्यों द्वारा संज्ञान में लाई गई है जिसे राज्य सरकारें समाधान करें सातवां वेतनमान पदोन्नत वेतनमान आदि के समाधान हेतु माननीय मंत्री महोदय द्वारा सकारात्मक पहल करने की बात कही इस कार्यक्रम में महानिदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली डॉ त्रिलोचन महापात्रा, उप महानिदेशक (कृषि प्रसार) डॉक्टर ए के सिंह सभी निदेशक अटारी, कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति गण एवं निदेशक प्रसार , कृषि संस्थानों के निदेशक गण, कृषि विज्ञान केंद्रों के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष गण शामिल हुए।
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