“ विश्व रोगी सुरक्षा दिवस आज ”
*रोगियों की सुरक्षा के बारे में जिला अस्पताल के स्टाफ को दिए टिप्स ।
डा राजेश सिंह चौहान
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर इटावा,16 सितंबर 2021।
रोगी सुरक्षा के बारे में लोगों को जागरूक करने तथा समन्वय और कार्रवाई के साथ-साथ वैश्विक समझ बढ़ाने के लिए 17 सितंबर को विश्व रोगी सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एम.एम. आर्य ने बताया कि विश्व रोगी सुरक्षा दिवस के उपलक्ष्य में विभिन्न विभागों के स्टाफ को रोगियोँ की सुरक्षा से संबंधित घटकों पर विस्तार पूर्वक महत्वपूर्ण सूचनाएं और सावधानियों के बारे में बताया गया । हम हरसंभव प्रयास करते हैं कि रोगी की सुरक्षा में किसी भी तरह की कोई अनियमितता न हो उसको पूरी तरह सुरक्षित रखकर उसका इलाज किया जाए।
जिला क्वालिटी एश्योरेंस के समन्वयक डॉ. रहीसुद्दीन ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ.) सभी हितधारकों से "सुरक्षित और सम्मानजनक प्रसव के लिए अभी कार्य करने " का आग्रह करता है ! " सुरक्षित मातृ और नवजात देखभाल" विषय के साथ असुरक्षित देखभाल के कारण गर्भवती व नवजात के स्वास्थ्य के नुकसान व जोखिम को कम किया जाए, इसके लिए सभी सीएचसी और जिला अस्पताल में विश्व रोगी सुरक्षा दिवस के संदर्भ में जाकर सभी स्टाफ को विस्तार पूर्वक सावधानियां और सतर्कता बरतते हुए नियमों का पालन करने के संदर्भ में जानकारियाँ दी गयीं ।
डॉ रहीसुद्दीन ने कहा - कोविड-19 के कारण आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं में व्यवधान के कारण, यह अभियान इस वर्ष और भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया सौभाग्य से, सहायक वातावरण में काम करने वाले कुशल स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण देखभाल के प्रावधान के माध्यम से मातृ और नवजात को सुरक्षित बनाया जा सकता है। हॉस्पिटल मैनेजर डॉ निखिलेश ने बताया - वैश्विक कार्यों को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2019 में विश्व रोगी सुरक्षा दिवस की स्थापना की गई थी। इसमें रोगी सुरक्षा पर वैश्विक समझ को बढ़ाने, स्वास्थ्य देखभाल व सुरक्षा में सार्वजनिक जुड़ाव बढ़ाने और रोगी के नुकसान को कम करन पर समझ बनाना शामिल है । विश्व रोगी सुरक्षा दिवस का प्रमुख लक्ष्य है रोगी को किसी तरह की लापरवाही या गलती से किसी भी तरह का कोई नुकसान न हो।
विश्व रोगी सुरक्षा दिवस के उद्देश्य -
•मरीज की सही पहचान हो ।
•दवाओं के लिए साफ स्पष्ट लिखित आदेश होना अनिवार्य हो।
•उच्च जोखिम दवाओं का समझदारी से प्रयोग।
•चिकित्सालय में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए।
•एसएनसीयू में बच्चों की सही से देखभाल।
•विशेष रूप से प्रसव के दौरान मातृ और नवजात सुरक्षा के मुद्दों पर वैश्विक जागरूकता बढ़ाना।
•कई हितधारकों को शामिल करना और मातृ एवं नवजात सुरक्षा में सुधार के लिए प्रभावी और नवीन रणनीतियों को अपनाना।
•विशेष रूप से प्रसव के दौरान सुरक्षित मातृ और नवजात देखभाल सुनिश्चित करने के लिए तत्काल और स्थायी कार्रवाई का आह्वान करें।
•गर्भवती को रेडिएशन से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी देना और जागरूक बनाना।