कानपुर पुष्टिमार्गीय सत्संग मण्डल द्वारा निकाली गई शोभायात्रा |
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | जगद्गुय महाप्रभु श्रीमद बल्लभाचार्य जी का जन्म संवत् 1567 में चम्पाण बिहार में हुआ, इनका जन्म मृत अवस्था में हुआ। इनको एक पेड़ के खोखले में रख दिया गया फिर जब वहाँ प्रस्थान हुआ तो देखा कि चारो ओर अग्नि प्रज्वलित थी और बीच में बालक (बल्लभाचार्य जी) रोते हुए जीवित अवस्था में मिले तो इनकी माँ इलम्बा गारू और पिता लक्ष्मण भट्ट जी ने उनको तुरन्त अपने हृदय से लगा लिया। उनको अल्प अवस्था में ही वेद-पुराण, शास्त्र आदि ग्रन्थों का हृदयारूण हो गया और उन्होंने अनेकों शास्त्रार्थ किये जिसमें बड़े-बड़े विद्वानों को निरूत्तर कर दिया और जगद्गुरू की उपाधि आपको प्राप्त हुयी। आपने पुष्टिमार्ग का प्रकाश किया। सेवा को मुख्य रूप से अपने भक्तों में पूर्णरूप से भावात्मक सेवा का प्रद्युव भाव किया और जीवों का ब्रह्म सम्बन्ध कराया, इसमें मुख्य वैष्णव चौरासी वार्ता जिसका कि पुष्टि मार्ग में महत्वपूर्ण प्रमाण है। आपने तीन बार पृथ्वी की परिक्रमा की और भागवत यज्ञा किये। जिन स्थलों पर भागवत यज्ञ किये उन स्थलों की महाप्रभु जी की बैठक के नाम से जाना जाता है।इनके अभूतपूर्व कार्यों को सभी वैष्णव जन तक प्रचार प्रसार के उद्देश्य से हर वर्ष की भांति श्रीमद् बल्लभाचार्य जी का 547वाँ जन्मोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास से कानपुर पुष्टिमार्गीय सत्संग मण्डल द्वारा भव्य शोभा यात्रा, खास बाजार स्थित श्रीनाथ जी मन्दिर से बैण्ड बाजों के साथ निकाली गई। सुबह से ही भारी संख्या में भक्त एकत्रित होने लगे, श्री सर्वोत्तम स्त्रोत का सामूहिक पाठ व पूजा-अर्चना की गयी और महाप्रभु जी को मनमोहक रथ में विराजमान किया गया। सैकड़ों की संख्या में प्रभु भक्त व महिलायें सिर पर मंगल कलश रखाकर पीले वस्त्र धारण कर शोभा यात्रा की शोभा बढ़ाकर आगे चल रही थी। श्रीमद् बल्लभाचार्य प्रभु तथा गिरिराज धरण की जय के उद्घोष से गलियों गूंज उठी। शोभा यात्रा मार्ग में जगह-जगह तरल पदार्थ एवं प्रसाद भक्त पा रहे थे। शोभायात्रा का मुख्य आकर्षण
जिसमें मनमोहक झॉकियां थी, जिसमें श्रीनाथ जी, यमुना जी, महाप्रभु जी का भव्य श्रृंगार किया गया। भक्तों द्वारा शोभायात्रा मार्ग में जगह-जगह पुष्पों की वर्षा की जा रही थी। शोभायात्रा में श्री बल्लभ कहो, श्री विठ्ठल कहो, श्री वल्लभ बिना मेरा कोई नहीं। श्री जमुना श्री गोवर्धन नाथ महाप्रभु श्री विठ्ठल नाथ, श्री वल्लभ विठ्ठल गिरधारी, श्री यमुना जी की बलिहारी भजन गाते हुए भक्त यात्रा को आगे बढ़ा रहे थे।
शोभायात्रा श्रीनाथ जी मन्दिर से उठकर कैलाश मन्दिर, गिलिस बाजार, रामनारायण बाजार चौराहा, होते हुए कमला टावर, सिरकी मोहाल, लाठी मोहाल, मनीराम बगिया, मूलगंज, टोपीबाजार, चौक सर्राफा, मेस्टन रोड, गंगा फाटक होते हुए श्रीनाथ जी मन्दिर परिसर में पुनः वापस आ गयी। जहाँ मन्दिर के मुखिया श्री भगवत प्रसाद फाटक द्वार प्रभु श्रीनाथ जी, श्री यमुना जी. श्री बल्लभाचार्य जी, की महाआरती की गयी। शोभायात्रा में मुख्य रूप से सर्वश्री शरद मिश्रा, भगवत प्रसाद पाठक, हरीश कपूर, आलोक मिश्रा, अविनाथ चन्द्र बाजपेई, अमिताभ बाजपेई, भूधर नारायण मिश्रा, मुकुल नारायण तिवारी, हरप्रकाश अग्निहोत्री, ऋषि पाठक, चन्द्रमणि मिश्रा, विकास महेश्वरी, त्रिलोकी त्रिवेदी, सुनील सोनी, अनिल महेश्वरी, अपर्णा रस्तोगी, नीरू रस्तोगी, अमित मिश्रा (दीपू), कन्हैया अग्रवाल, शुभम कपूर, अमिताभ दत्त मिश्रा, अमोद त्रिपाठी, दिलीप शुक्ला, दिलीप बाजपेई, राजेश द्विवेदी, विमल तिवारी, मुन्ना शुक्ला, अमित द्विवेदी, सुरेश गुप्ता, विवेक दीक्षित, प्रतीक शर्मा, अपूर्व अवस्थी, अर्पित मिश्र, विजय चौरसिया, आदि लोग उपस्थित रहे।