कानपुर में ना हो ऑक्सीजन की कमी अधिकारियों ने किया कई इकाइयों का निरीक्षण
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर नगर।मा0 मुख्यमंत्री जी के निर्देश के क्रम में जनपद कानपुर नगर में कोविड अस्पतालों में समय पर आवश्यकतानुसार आक्सीजन आपूर्ति हेतु कानपुर नगर में स्थित आक्सीजन प्रोडक्शन सेन्टर, स्टोरेज संचालक, डिस्ट्रीब्यूटर्स, रिफिलिंग सेन्टर्स पर निर्बाधित रूप से आक्सीजन की आपूर्ति, उसका ट्रान्सपोर्टेसन, भण्डारण और उसकी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए आज मण्डलायुक्त, कानपुर और पुलिस आयुक्त, कानपुर नगर द्वारा चार प्रतिष्ठान 1-बब्बर इण्डस्ट्रीयल गैसेस 2- मुरारी इण्डस्ट्रीयल गैसेस कानपुर, 3-हरी ओम गैस रिफलिंग सेन्टर, 4- पनकी आक्सीजन, कानपुर का विभागीय, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के साथ भ्रमण किया गया और उपरोक्त बिन्दुओं पर निरीक्षण के दौरान समीक्षा की गयी और निम्नलिखित आवश्यक कदम उठाते हुए आवश्यक निर्देश दिये गये:- प्रत्येक प्रोडक्शन/स्टोरेज/डिस्ट्रीब्यूटर्स सेन्टर्स पर एक मजिस्ट्रेट की तैनाती कर दी गयी है, जो वहां के सभी कार्यों को सुचारू रूप से संचालन कर रहे हैं।उपरोक्त सभी स्थानों पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था हेतु राउण्ड द क्लाॅक प्रति 8 घण्टे में 02 पुलिस कान्सटेबल की ड्यूटी लगाये जाने के निर्देश दिये गये और उसके साथ-साथ क्षेत्रीय थानाध्यक्ष, ए0सी0पी0 व डी0सी0पी0 को इन स्थानों का समय-समय पर भ्रमण करने हेतु निर्देशित किया गया।लिक्विड आक्सीजन की समय पर व निर्बाधित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए इन उपरोक्त आक्सीजन केन्द्रों के प्रबन्धतंत्र को स्थानीय पुलिस व ट्राफिक अधिकारियों के साथ टाइअप कराया गया, ताकि प्रत्येक कन्टेनर को ट्रैक करते हुए सुरक्षित इन स्थानों पर पहुंचाया जा सके। इन स्थानों पर निर्बाधित विद्युत आपूर्ति के लिए प्रबन्ध निदेशक, केस्को को निर्देशित किया गया।आवश्यकतानुसार आक्सीजन की आपूर्ति हेतु लिक्विड आक्सीजन के आपूर्तिकर्ता और ट्रान्सपोर्ट एजेन्सी व बाटलिंग प्लान्ट के साथ लगातार समन्वय बनाये जाने के निर्देश दिये गये।इन सभी भण्डारण व बाटलिंग प्लान्ट के प्रतिष्ठानों से यह भी अपेक्षा की गयी कि वह अपने यहां पर जनरेटरयुक्त गैसीयस आक्सीजन उत्पादन करने/क्षमता बढ़ाने के उपाय सुनिश्चित करें, इसके लिए प्रशासन, बैंक व उद्योग विभाग द्वारा आवश्यक सुविधा प्रदान की जायेगी ताकि डी-2 और बी-2 टाइप सिलेण्डर के माध्यम से आगामी दिनों में स्थानीय आवश्यकताओं की पूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
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