चुनाव ड्यूटी के दौरान मृत कर्मियों के आश्रितों को मिलेंगे तीस लाख।
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान कोविड संक्रमण से मरने वाले कर्मचारियों के परिवार को सरकार 30 लाख रुपये का मुआवजा प्रदान करेगी। हालांकि इसके लिए परिजनों को संक्रमण की रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। इस बाबत शासन ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले कर्मियों की कोरोना संक्रमण से मौत पर योगी सरकार उनके परिवार को 30 लाख रुपए की
आर्थिक मदद करेगी। पंचायती राज विभाग ने मंगलवार को आदेश जारी कर दिया है। सभी जिलाधिकारियों से उनके जिले से रिपोर्ट तलब की गई है। मृतक के परिजनों को इसके लिए कोविड संक्रमण की जांच चाहे एंटीजन या आरटीपीसीआर रिपोर्ट देनी होगी। इस बाबत अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह ने बताया कि वर्तमान नियम के अनुसार चुनाव ड्यूटी के दौरान असामयिक दुर्घटना जैसे आतंकवादी हिंसा या असामजिकतत्वों द्वारा हत्या, रोड माइंस, बम ब्लास्ट और हथियारों से हमला आदि की दशा में मृत्यु पर कर्मी के परिजनों को 30 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाती है। अब इसमें कोविड 19 से मृत्यु को भी जोड़ दिया गया है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 से मृत्यु पर मुआवजे के लिए एंटीजन, आरटीपीसीआर रिपोर्ट व स्थायी दिव्यांगता के संबंध में सीएमओ, सीएमएस द्वारा जारी प्रमाण पत्र देना होगा । इसके बाद जिला निर्वाचन अधिकारी को शर्तो का पालन करवाते हुए मुआवजे का प्रस्ताव राज्य निर्वाचन आयोग को भेजना होगा। बताते चलें कि पंचायत चुनाव के प्रशिक्षण, मतदान व मतगणना ड्यूटी के दौरान कई कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हो गई है। इस मामले में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मृतक कर्मियों के परिजनों को आर्थिक मदद की मांग उठाई थी ।
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