श्री बटुक भैरव जी का वार्षिक त्रिगुणात्मक श्रृंगार 12 एवं 13 को |
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस वाराणसी | श्री भैरव नाथ साक्षात् रुद्र हैं। देवो के देव महादेव शिव की पावन नगरी काशी और इसी काशी में स्थित हैं महादेव का बाल रूप यानि बटुक भैरव । भैरव को सर्वशक्तिमान बताया गया है महाविद्याओं की साधना में सिद्धि प्राप्त करने के लिए भैरव की भी अर्चना का विधान है। बाबा बटुक भैरव की आराधना मात्र से सभी शारीरिक और मानसिक कष्ट दूर होते हैं। महादेव के कई रूप यूं तो सबने देखें है, लेकिन बटुक भैरव के रुप में महादेव एक ऐसे बालरूप विद्यमान है जो ना केवल दुर्लभ है बल्कि भक्तों का बेड़ा पार भी लगा देते है।कमच्छा स्थित मंदिर में रविवार, दिनांक 12 दिसंबर 2021 को बाबा बटुक भैरव के श्रृंगार की त्रिगुणात्मक भव्य झांकी सजायी गयी। सवेरे पंचामृत स्नान व मंगला आरती के बाद बाबा का श्वेत पुष्प से सात्विक श्रृंगार किया गया, साथ ही पंचमेवा, फल व मिष्ठान्न का भोग लगाया गया। सायंकाल गुलाब के फूल, स्वर्ण व रजत आभूषण से श्रृंगार कर राजसी रूप सजाया गया। 56 व्यंजनों का भौग भी अर्पित किया गया।
रात 8.30 बजे बाबा की आरती की गई। रात्रि में 1100 काला गंडा व 1100 रूद्राक्ष की मालाओं से तामसी श्रृंगार की झांकी सजायी गयी और पंचमकार भोग लगाया गया। देर रात शयन आरती की गई। कार्यक्रम का आयोजन महंत बटुक भैरव मंदिर जितेंद्र मोहन परी ऊर्फ विजय पुरी के नेतृत्व में संपन्न हुआ। संयोजन महंत भाष्कर पुरी एवं राकेश पुरी ने किया। सोमवार को पूर्वाह्न 10.30 बजे बटुक पूजन व भंडारा में प्रसाद वितरण किया जाएगा।