मुगल कालीन मां नगेली देवी मंदिर के नाम पर पड़ा गांव का नाम।
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस घाटमपुर। नवरात्रि का त्योहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। शारदीय नवरात्र में माँँ ब्रह्मचारिणी के स्वरूप को दूसरे दिन पूजा जाता है। मान्यता है कि देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से भक्तों को सुख-समृद्धि समृद्धि की प्राप्ति होती है। मां नागेली देवी मंदिर के नाम पर ही गांव का नाम पड़ा है। दूर दूर से भक्त दर्शन करने पहुंच रहा है।
घाटमपुर तहसील क्षेत्र के नागेलीनपुर गांव निवासी अनीता देवी, रोहित गुप्ता, रामदेव शुक्ला, जितेंद्र, गौरव, शमशेर पाल आदि भक्तों ने बताया कि मां नगेली देवी मंदिर की ख्याति दूर दूर तक फैली है। मंदिर के ऊपर मस्जिद नुआ चार मीनारे बनी है, बुजुर्ग बताते है, कि इससे यह लगता है कि यह मंदिर मुगल शासन काल का बना हुआ है, मंदिर के गर्भगृह में मां नगेली देवी की भव्य प्रतिमा स्थापित है। नवरात्रि में दूर दूर से भक्त यहां पर दर्शन करने के लिए आते है भक्तों की मान्यता है कि मंदिर के पीछे स्थित तालाब में नहाने से सभी रोगों का निवारण होता है।
- पुरातत्व विभाग कर रहा मंदिर की जांच
पतारा जिला पंचायत सदस्य प्रवीण कुमार मिश्रा उर्फ कल्लू मिश्रा ने बताया कि उन्होंने बीते दिनों पुरात्व विभाग को पत्र लिखकर पतारा कस्बा स्थित प्राचीन बाबा बैजनाथ धाम मंदिर व नागेलिनपुर गांव स्थित मां नगेली देवी मंदिर को पुरातत्व विभाग के संरक्षित करने के लिए कहा है, हालाकि पुरातत्व विभाग मंदिरों की जांच कर रहा है, जिसके बाद पुरातत्व विभाग मंदिरों को संरक्षित कर सकता है।
- कैसे करे मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
नवरात्र के दूसरे दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचरणी की पूजा की जाती है। इस दिन सुबह के समय उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करने के बाद माता की पूजा करे। साथ ही कलश की विधिवत तरीके से पूजा करें। मां ब्रह्मचारिणी स्वरूप को जल अर्पित करें। इसके बाद फूल, माला, रोली, सिंदूर चढ़ाएं। भोग में मिठाई आदि मां को अर्पित करे, हाथ में एक फूल लेकर मां का ध्यान करें और सच्चे मन से मां की पूजा करे।
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