हिमालय से बिछड़ी गंगा का काशी में हुआ मिलन -आशुतोषानंद गिरी
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस चौबेपुर वाराणसी-हिमालय से बिछड़ी गंगा काशी में ही शिवजी से मिल पाई, द्वादश ज्योतिर्लिंग भगवान के द्वादश ब्रांच हैं, परंतु हेड ऑफिस काशी है। काशी में ही माता पार्वती को अन्नपूर्णा का दर्जा प्राप्त हुआ भगवान भोलेनाथ काशी में बैठे-बैठे विश्व का संचालन करते हैं ।सोनबरसा में चल रहे शिव महापुराण एवं रूद्र चंडी महायज्ञ के आठवें दिन स्वामी आशुतोषानंद गिरी महाराज ने गुरु महिमा बताते हुए कहा पर्वतराज हिमाचल कभी इस बात के लिए सबसे लंबा हो गया थे ,कि सूर्य हमारी परिक्रमा करें। फिर देवताओं ने अगस्त्यमुनि को भेजा मुनी को देखकर विंध्याचल लेट कर प्रणाम करने लगे और बोले गुरुदेव कोई सेवा बतलाइए ,अगस्त मुनि ने कहा बेटा जब तक मैं लौट कर ना आऊं तब तक लेटे रहना । तब से आज तक विंध्याचल लेटे हुए हैं, लोगों ने विंध्याचल से कहा तुम्हारे गुरु ने तुम्हारे साथ छल किया है। वह कभी लौट कर नहीं आएंगे तुम खड़े हो जाओ परंतु विंध्याचल को गुरु वचनों पर विश्वास था ।
त्रेता युग में जब भगवान श्री राम वनवास काल के समय चित्रकूट पहुंचकर कामदगिरि की परिक्रमा करने लगे तब विंध्याचल की आंखें भर आई भावुक होकर रोने लगे कह रहे थे । कि देर से ही सही गुरु वचन सिद्ध होता है ,कभी हम तरस रहे थे कि सूर्य हमारी परिक्रमा करें किंतु देखो गुरु वचनों का चमत्कार आज सूर्यवंशी भूषण भगवान श्री राम स्वयं हमारी परिक्रमा कर रहे हैं, इसलिए गुरु वचनों में श्रद्धा आवश्यक है ।इस अवसर पर मुन्नू चौबे प्रहलाद तिवारी सत्येंद्र चौबे सहित सभी भक्त गण उपस्थित रहे।