पांच दिवसीय कृषक प्रशिक्षण उपरांत वितरित किए गए प्रमाण पत्र |
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | सीएसए द्वारा संचालित कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय परिसर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र पर पांच दिवसीय फसल अवशेष प्रबंधन योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण का समापन किया गया। यह प्रशिक्षण दिनांक 02 नवंबर को प्रारंभ किया गया था इस प्रशिक्षण में कुल 25 प्रशिक्षणार्थियों ने प्रतिभाग किया। यह सभी प्रशिक्षणार्थी विकासखंड भरथना के मुबारकपुर गांव के रहने वाले हैं इस प्रशिक्षण में किसानों को धान फसल की पराली न जलाने के लिए प्रेरित किया गया। उपस्थित सभी प्रशिक्षणार्थियों ने न फसल अवशेष जलाएंगे न जलाने देंगे जैसे नारे लगाकर आवाज बुलंद की। प्रशिक्षण में कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ एमके सिंह ने किसानों को समय से गेहूं बुवाई करने तथा खरपतवार प्रबंधन के बारे में विस्तार से जानकारी दिया तथा इस कार्यक्रम के आयोजक डॉ विजय बहादुर जयसवाल ने गांव किसानों को सुपर सीडर तथा मल्चर का उपयोग को बताया। उन्होंने बताया की कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा लगातार किसानों को जागरूक किया जा रहा है जिससे पराली न जलाने के एक भी केस नहीं हुए हैं। डॉ राजेश राय एवं डॉक्टर भूपेंद्र सिंह ने किसानों को पराली का उपयोग सब्जी की फसल वह प्राकृतिक खेती में कैसे करें इसके बारे में जानकारी दी। उन्होंने किसानों को पराली के भूसे द्वारा मशरूम की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को जागरूक किया तथा किसानों को पराली से वर्मी कंपोस्ट वह नाडेप कंपोस्ट बनाने की विधि को विस्तार से बताया व अंत में किसानों को प्रमाण पत्र वितरण कर इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक समापन किया गया। इस अवसर पर किसानों ने हाथ उठाकर पराली न जलाने की शपथ भी ली।
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