शीत कालीन लोक सभा सत्र के पहले दिन सदन में गूंजा जनसंख्या नियंत्रण कानून का मुद्दा |
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर |लोक सभा मे शीत कालीन शुरु के पहले दिन गुंजा जनसख्या नियंत्रण का मुद्दा
दिनो दिन बढ़ती आबादी के चलते देश् मे लोगों को बुनियादी सुविधाओ नही मिल पा रही है वैश्विक रुप से केवल् भारत मे कृषि भूमि 2 फीसदी पेयजल व्यवस्तथा 4 फीसदी व आबादी 20 फीसदी है । जिस कारण देश की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है बेरोजगारी पर्यावरण का अवनयन ,आवास शिक्षा,स्वास्थ जैसी बुनियादि सुविधाओं से वंचित होना पड़ता है। जनसख्या नियंत्रण को लेकर - आज लोक सभा सत्र के पहले दिन कानपुर सांसद सत्यदेव पचौरी ने लोकसभा में अपना मत रखा। देश में लगातार् बढ़ रही आबादी पर निशाना साधाते हुये सासंद ने सदन में कहा कि हम सब भली भांति जानते हैं । जनसंख्या वृद्धि के कारण अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
भारत में गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले लोगों की संख्या बहुत अधिक है साथ ही देश में उत्पादित खाद्यान्नों या उपलब्ध संसाधनों के परिप्रेक्ष्य में अधिक तीव्र गति से बढ़ती जनसंख्या आर्थिक वृद्धि दर और सामाजिक संतुलन दोनों को नकारात्मक ढंग से प्रभावित करती है। एक सर्वे रिपोर्ट का हवाला देते हुये उन्होने कहा कि वर्ष 2050 तक भारत की कुल आबादी 1.64 बिलियन के आँकड़े को पार कर जाएगी एवं वैश्विक जनसंख्या में 2 बिलियन हो जाएगी । इतनी बड़ी आबादी की आधारभूत आवश्यकताओं साथ ही देश में रोजगार पैदा करना सबसे बड़ी चुनौती होगा।
उन्होने कहा की बढ़ती आबादी के चलते लोगों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया नहीं हो पा रही है,भारत में दुनिया की कुल कृषि भूमि का 2 फीसदी और पेयजल का चार फीसदी है, जबकि आबादी पूरी दुनिया की 20 फीसदी है. ज्यादा आबादी के चलते लोगों को आहार, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित होना पड़ रहा है. आबादी पर नियंत्रण पाने से लोगों के कल्याण के लिए बनी तमाम सरकारी योजनाओं को लागू करना आसान हो जाएगा. लम्बे समय से देश में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर किसी ठोस कदम के उठाए जाने की मांग की जाती रही है । उन्होने कहा की इसलिए मैं भी यह मांग करता हूँ की जनसंख्या नियंत्रण के लिए देश में भली भांति विचार विमर्श करके उपयुक्त कानून लाया जाये जिससे की जनसंख्या वृद्धि पर लगाम लगाने के साथ-साथ देश निरंतर आगे बढ़ने की दिशा में प्रगतिशील रहे।
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