मलेरिया उन्मूलन की ओर बढ़ता जनपद, प्रभावी रणनीति व कार्यवाई की अहम भूमिका: एसीएमओ
U-विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में व्याख्यान |
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | वर्ष 2030 तक मलेरिया उन्मूलन की दिशा में जनपद लगातार बढ़ रहा है। मलेरिया रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रभावी रणनीति व कार्यवाई कर रहा है। इसी का परिणाम है कि जनपद में साल दर साल मलेरिया की जांच की संख्या बढ़ी है और मरीजों की संख्या में काफी कमी आई है। इसी उद्देश्य से हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। यह कहना है संचारी रोगों के नोडल अधिकारी डॉ आरपी मिश्रा का। डॉ मिश्रा विश्व मलेरिया अवसर पर गुरूवार को स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग में आयोजित व्याख्यान को सम्बोधित कर रहे थे। इस दौरान एमबीबीएस पैरा मेडिकल के लगभग 200 छात्रों को मलेरिया के लक्षण , उपचार और इससे बचाव के लिए जागरूक किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन मेडिकल कॉलेज के उप प्रधानाचार्य डॉ ऋचा गिरी सहित कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ एसके बरमन ने किया। उप प्रधानाचार्य डॉ ऋचा गिरी ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस बार दिवस की थीम “अधिक न्यायसंगत दुनिया के लिए मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में तेजी लाना” रखी गई है। बताया कि मलेरिया का प्रसार मादा एनोफिलीस मच्छर के काटने से होता है। एक अंडे से मच्छर बनने की प्रक्रिया में पूरा एक सप्ताह का समय लगता है। मलेरिया हो जाने पर रोगी को ठंड देकर नियमित अंतराल पर बुखार आना, सिरदर्द, उल्टी, पेट में दर्द, रक्त अल्पता, मांस पेशियों में दर्द, अत्यधिक पसीना आना आदि लक्षण दिखाई देते हैं। समय से जांच व उपचार मिलने पर रोगी पूरी तरह स्वस्थ हो जाता है। विभागाध्यक्ष डॉ एसके बरमन ने बताया कि घर के बाहर और भीतर एकत्रित हुए पानी की साफ सफाई और मच्छरों से बचाव के उपाय में विभागीय प्रयासों के साथ साथ सामुदायिक सहयोग आवश्यक है। उन्होंने बताया कि मलेरिया के दो प्रकार प्लाजमोडियम वाईबैक्स (पीबी) और प्लाजमोडियम फैल्सीफोरम (पीएफ) प्रमुख तौर पर हमारे अंचल में पाए जाते हैं। पीएफ मलेरिया का समय से इलाज न करने पर जटिलताएं अधिक बढ़ सकती हैं और इसके कई मामलों में रक्तस्राव का भी होने लगता है। समय से जांच व उपचार मिलने पर रोगी पूरी तरह स्वस्थ हो जाता है। डॉ समरजीत कौर ने कहा कि उपचार के दौरान ध्यान रखें कि स्वस्थ भोजन खाएं, शरीर में पानी की कमी न होने दें, प्रोटीन युक्त आहार लें, वसायुक्त मसालेदार भोजन न करें, उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ और कैफीन युक्त पेय का सेवन न करें। सहायक मलेरिया अधिकारी यूपी सिंह ने बताया कि मलेरिया के लक्षण मिलने पर खुद उपचार करने से बचते हुए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में मलेरिया जांच व उपचार कराएं। इसके साथ ही अपने घर और आसपास का वातावरण हमेशा साफ सुथरा रखें। कि जब कोई आशा कार्यकर्ता किसी संभावित मरीज का किट से जांच करती है और उसमें मलेरिया की पुष्टि होती है तो लैब टेक्न| इस दौरान मेडिसिन विभाग के सभी संकाय सदस्य , सभी असिस्टेंट प्रोफेसर, सहित सहयोगी संस्था एफएचआई व सीफार के प्रतिनिधि सहित फाइलेरिया नेटवर्क सदस्य मौजूद रहे।