स्पाइन और मासंपेशियों को दे आराम नही तो भुगतना पड सकता है अंजाम- डॉ चन्द्रशेखर
U- पोटेशियाम और कैल्शियम के कम ज्यादा होने से सिकुड जाती है मासंपेशियां
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। स्पाइन की बढ़ती समस्या अब तेजी से लोगो को अपना शिकार बना रही है। बुर्जुग वर्ग से लेकर युवा वर्ग भी अब इस बीमारी की चपेट में आ रहे है। मासंपेशियों के दबाव और स्पाइन की समस्या दोनो मिल कर शरीर रीढ़ की हड्डी और जोडो का दर्द तथा कमर दर्द को बढ़ावा दे रहा है। इस बारे में जीएसवीएम मेडिकल कालेज से सम्बंद्ध लाला लाजपत राय चिकित्सालय के पीएमएसएसवाई न्यूरो विभाग के पेन डाक्टर चन्द्रशेखर सिंह ने बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी दी।
डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने बताया कि सोडियम, कैल्शियम और पेाटेशियम यह मासंपेशियो के एक्टिवनिटी का काम करते है। ज्यादा गर्मी बढ़ने से डिहाइड्रेशन हो जाता है साथ ही शुद्ध जल उपलब्ध न होने से मसल रिबिलटी बढ़ जाती है। पोटेशियाम और कैल्शियम के कम ज्यादा होने से मसल एस्पादम यानी सिकुड जाती है। जिससे रीढ़ की हड्उी एक के ऊपर एक चढ़ी रहती है और नीचे की तरफ दबाव देती है। इन मसल के बीच में स्पाइन डिस्क पर दबाव बढ़ता है और न्यूक्लियर द्रव्य बाहर निकल जाता जिससे तंत्रकाओ में दिक्कत होने लगती है जिससे नवसे इरेटेबल हो जाती है और पैरो में दर्द तथा भारीपन की शिकायत होने लगती है। उन्होंने बताया कि मसल रीढ़ की हड्डी को चारो तरफ से स्पोर्ट करती है,लेकिन इस्पादम में चले जाने से सिल्प डिस्क खिसक जाती जिससे दबाव पडने पर शरीर को जो भी स्पलाई मिल रही होती है वहां पर दिक्कत होनी शुरू हो जाती है। उन्होंने बताया कि इस भीषण गर्मी में 30 से 40 मरीज प्रति सप्ताह आ रहे है। यही आंकडा पहले 10 से 20 हुआ करता था जो कि अब तीन गुना बढ़ गया है। डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने इसके बचाव के बारे में बताया कि हाइड्रेशन ठीक रखे, पानी ज्यादा पीये। अगर पेशाब ज्यादा पीले रंग की आ रही है तो डिहाइड्रेशन में मरीज जा रहा है। इसे ठीक रखे, आराम करे, घूप में न निकले, वजन न उठाए।