पावर ग्रिड के सीआरएस फंड से बनेगाहैलट में बनेेगा प्रदेश का पहला डायन्गोस्टिक लैब हब
U- 10.03 करोड की लगात से होगी डायन्गोस्टिक लैब हब की स्थापना
U-प्राचार्य डॉ संजय काला और डॉ0 यशंवत राव की मेहनत लाई रंग
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानुपर। जीएसवीएम मेडिकल कालेज और पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के सीआरएस पहल के तहत 10.32 करोड की लागत से सम्बंद्ध अस्पताल लाला लाजपत राय चिकित्सालय में डायन्गोस्टिक लैब हब की स्थापना करने हेतू एक समझौते पर प्राचार्य प्रो0 डॉ संजय काला व पावर ग्रिड के महाप्रबंधक जग विजय सिंह ने हस्ताक्षर किए।
इस सराहनीय मौके पर प्राचार्य डॉ संजय काला ने एक संयुक्त प्रेसवार्ता का आयेजन पीसीआर रूम में आयोजित की।
पावर ग्रिड के महाप्रबंधक जग विजय सिंह ने प्राचार्य प्रो. डॉ संजय काला के सराहनीय प्रयास के लिए उनका आाभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पावर ग्रिड देश की सबसे बडी ऊर्जा कम्पनी है। जिसके होने वाले लाभ के कुछ प्रतिशत से सीआरएस फंड के तहत सामजिक कार्याे के लिए हमेशा से अनुदान करता चला आ रहा है। आपको बता दे कि पावर ग्रिड ने वर्ष 2022 में पीड्रियाटिक विभाग में भी 3 करोड से ज्यादा के फंड से पीआईसीयू का का निर्माण कराया जिसका लाभ अब तक 3500 बच्चो को मिल सका है। प्राचार्य प्रो0 डॉ. संजय काला ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए सबसे बडा श्रेय डॉ यशवंत राव को जाता है जिन्होंने अपने अथक प्रयास से इस कार्य को संभव कर दिखाया। पावर ग्रिड कारपोरेशन लिमिटेड हमेशा से सामजिक हितो के लिए कार्य करता चला आ रहा है जिसका सामज में बहुत बडा योगदान है। प्राचार्य ने बताया कि पुराने रैन बसेरा जो कि जर्जर हालत में था उसे डिमोलाइस करने का आदेश भी मिल गया है। इस जगह के खाली होते ही वहां पर प्रदेश की पहली डायगोस्टिक लैब हब की स्थापना की जायेगी। इस हब के बन जाने से कानपुर के आस पास के लगभग 8 से 9 जनपदो को लाभ मिलेगा। इसी क्रम में प्रमुख अधीक्षक डॉ आर.के.सिंह ने पावर ग्रिड के इस योगदान के लिए उनका आभार प्रकट किया साथ ही उनको गरीबो की सहायता करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। वहीं पैथालॉजी विभागध्यक्ष डॉ महेन्द्र सिंह ने प्राचार्य के इस सराहनीय कार्य के लिए उनको धन्यवाद देते हुए कहा कि अब मरीजो को सडक पार कर जांचे करवाने के लिए मेडिकल कालेज की तरफ नही जाना होगा साथ ही लखनऊ, आगरा और दिल्ली से जांच कराने के लिए मरीजो को अब भटकना भी नही पडेगा। इस हब के बन जाने से लाखो मरीजो को फायदा पहुंचेंगा जो कि पावर ग्रिड के द्वारा ही संभव हो सका है। इस दौरान मुख्य रूप से मीडिया प्रभारी डॉ सीमा द्विवेदी, रेडियोलाजिस्ट डॉ अशोक वर्मा मौजूद रहे।
- चार फ्लारे बनेंगे और ये होगी सुविधाएं
पावर ग्रिड द्वारा मिले सीआरएस फंड से जो हब बनने जा रहा है उसकी रूप रेखा तैयार कर ली गई है। वर्ष 2027 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें बेसमेंट होगा जहां रेडियोलाजी से सम्बंधित जांचे होगी जैसे सीटी स्कैन, एमआरआई, अल्ट्रासाउण्ड व एक्स-रे व यूजर्स चार्ज होंगे। वही ग्राउण्ड फ्लोर पर सैम्पल क्लेक्शन , वेटिंग रूम, पीआरओ आफिस बनाया जाएगा। प्रथम तल पर डिमोटोलॉजी, माइक्रोबायोलाजी समेत अन्य जांचे होगी तथा द्वितीय तल पर प्रशासनिक भवन बनेगा जहां डेटा रिकार्ड रखा जाएगा।
- 11 हजार जांच होती है प्रतिदिन
पैथालॉजी विभागध्यक्ष डॉ महेन्द्र सिंह ने बताया कि मेडिकल कालेज और हैलट दोनो मिला कर प्रतिदिन 11 हजार जांचे होती है। इसमें करीब 500 लोगो को सड़क पार कर हैल्ट से मेडिकल कालेज आना पडता है जिससे कभी-कभी दुर्घटना होने की भी संभावना बनी रहती है। ऐसे में हब के बन जाने से एक ही छत के नीचे मरीज को सभी सुविधाएं मिलेगी।
पावर ग्रिड में 2022 में पीड्रियाटिक के लिए दिया था फंड
बाल रोग के पूर्व विभागध्यक्ष एवं प्रो डॉ यशवंत राव ने पावर ग्रिड का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि पावर ग्रिड की सहायता से 100 बेड और 14 वेटिलेटर अनुदान में मिले थे। इसके साथ ही 35 बेडो का पीआसीयू का निर्माण भी कराया गया। हाइटेक बेड और मशीने आ जाने से करीब 3500 बच्चो का इलाज संभव हुआ और वह ठीक होकर गए। उन्होंने बबताया कि निजी अस्पताल के पीआईसीयू में एक दिन का खर्च 25 से 30 जहार रूपये आता है उस हिसाब से बच्चे को 10 दिनो तक रखा जाता है जिसका लगभ गबिल ढ़ाई से तीन लाख रूपये आता है जिसे गरीब व्यक्ति वहन नही कर सकता। पावर ग्रिड कारपोरेशन लिमिटेड के द्वारा मिले 3 करोड से ज्यादा अनुदान से यह संभव हो सका। मानव जाति के पावर ग्रिड कारपोरेशन का बहुत बडा योगदान है।