भक्त हो तो प्रहलाद जैसाः कौशलेन्द्र द्विवेदी
-श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन की रात्रि बेला में सुनायी गयी भक्त प्रहलाद की सुंदर कथा
कन्नौज ब्यूरो पवन श्रीवास्तव के साथ प्रिंस श्रीवास्तव
हिंदुस्तान न्यूज एक्सप्रेस कन्नौज संवाददाता। श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन की रात्रि बेला में भक्त प्रहलाद की सुंदर कथा का बखान किया।मंडी समिति के पीछे ग्राम रितुकाला में ज्ञान यज्ञ सप्ताह एवं भव्य श्रृंगार श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन कथा व्यास कौशलेंद्र द्विवेदी ने कहा कि जब हिरण्याकश्यपु की रानी कयाधु को इंद्र लोक के स्वामी इंद्र पकड़ कर लिए जा रहे थे। महर्षि नारद ने इंद्र से कयाधु को लेकर अपनी कुटिया में रखा उस समय भक्त प्रहलाद गर्भ में था। राक्षस के घर प्रभु का नाम लेने वाला पुत्र को जन्म होने के लिए रानी कयाधु को प्रभु से जुड़ी कथाएं महर्षि नारद जी सुनाते थे। कथा व्यास कौशलेंद्र द्विवेदी ने अंत में बताया कि प्रभु नरसिंह भगवान को शांत भक्त प्रहलाद ने ही किया। क्रोध को शांत करने के लिए सारे देवता पीछे हट गए थे। इस दौरान भारी संख्या में श्रोतागण मौजूद रहे।