स्कूल की जर्जर पटिया गिरने से आखिर मासूम की मौत का दोषी कौन?
-स्कूल की जर्जर पटिया बन गई मासूम की मौत का कारण
-मामला कन्नौज जिले के छिबरामऊ तहसील क्षेत्र के तालग्राम के गांव अचनकापुर गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय का
-स्कूल की छुट्टी होने के कारण गांव के अन्य बच्चों के साथ खेल रहा था मासूम
प्रिंस श्रीवास्तव के साथ संदीप शर्मा
हिंदुस्तान न्यूज एक्सप्रेस कन्नौज संवाददाता।मासूम सी जान और अपने ही अध्यनरत विद्यालय में खेले रहे छात्र को क्या पता था,कि उसका स्कूल की उसकी कब्र बन जायेगा।दर्दनाक हादसे में मासूम छात्र की मौत की खबर के बाद परिजनों मे कोहराम मच गया।बताते चलें कि जिले के तालग्राम क्षेत्र के अचनकापुर गांव निवासी धर्मपाल का 8 वर्षीय पुत्र विमल गांव के ही प्राथमिक विद्यालय में कक्षा पांच का छात्र था।स्कूल की छुट्टी होने के कारण विमल गांव के अन्य स्कूली बच्चों के साथ खेलने के लिये स्कूल के अंदर जा पहुंचा।उसको क्या पता था,कि उसका स्कूल ही उसकी कब्र बन जायेगा।अभी बच्चे स्कूल में खेल ही रहे थे,वहीं विमल और कुछ अन्य बच्चे स्कूल के अंदर एक जर्जर पटिया पर लटक रहे थे।बता दें,कि स्कूल की पटिया बारिश के कारण अत्यधिक जर्जर हालत में थी।बच्चों के लटकते ही पटिया का मलवा बच्चे के ऊपर आ गिरा,जिसमें दबकर बिमल की मौत हो गई।घटना की सूचना स्कूल में खेल रहे अन्य बच्चों ने गांव के ग्रामीणों और बिमल के परिजनों को दी,तो कोहराम मच गया। विमल के परिजनों के अलावा गांव के ग्रामीण भी बड़ी संख्या में स्कूल पहुंच गये।जर्जर पटिया के मलवे के नीचे दबे विमल को बाहर निकाला गया।जिसके बाद घटना की सूचना एसडीएम उमाकांत तिवारी को दी गई।पुलिस को भी मामले की सूचना दी गई।जिसके बाद एसडीएम और पुलिस बल मौके पर पहुंचा।घटनाक्रम की जांच पड़ताल शुरू कर दी गई थी। विमल के शव को पोस्टमार्टम हेतु भेजा गया है।विमल की मौत पर परिजनों के करुण क्रंदन का सिलसिला जारी था।सवाल या है,उपरोक्त घटनाक्रम में दोषी कौन?अगर बारिश के कारण स्कूल की पटिया जर्जर थी,तो विद्यालय प्रबंध समिति द्वारा इसकी अनदेखी करके लापरवाही क्यों की गई ?इसकी मरम्मत समय रहते क्यों नहीं कराई गई ?क्या दोषियों की विरुद्ध कार्यवाही होगी,आखिर दोषी कौन ?