इलेक्ट्रिक वाहनो पर मिलने वाली सब्सिडी से वाहन स्वामी अंजान:उप परिवहन आयुक्त
*सरकार की योजना का लाभ लोगो को न मिले तो योजना किस काम की
*कार पर एक लाख व मोटरसाइकिल पर पांच हजार की मिलती है सब्सिडी
*डीलर द्वारा फार्म को भर कर कार्यालय न भिजवाना सब्सिडी न मिलने का प्रमख कारण
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। इलेक्ट्रिक वाहनो पर मिलने वाली सब्सिडी से कई वाहन स्वामी अभी तक अंजान है या यूं कहे कि शायद उन्हें डीलर कोई जानकारी ही नही देता है जिससे उनको मिलने वाली सब्सिडी से वह महरूम रह जाते है। सब्सिडी को वाहन स्वामी किस तरह से प्राप्त कर सकता है इसके बारे में उप परिवहन आयुक्त कानपुर परिक्षेत्र ने महत्वपूर्ण जानकारी दी।
उप परिवहन आयुक्त कनपुर परिक्षेत्र (जोन) आर आर सोनी ने बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनो की खरीद पर वाहन स्वामियों को सरकार द्वारा सब्सिडी दी जा रही है जिसके बारे अधिकांश को जानकारी ही नही है। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिक वाहन खरीदते समय डीलर क्रेता को एक फार्म भर कर देता है जिसको आरटीओ विभाग के एआरटीओ प्रशासन के पास मिलान के लिए भेजा जाता है। उसके बाद उसी फार्म को स्कू्रटनी कर टीसी कार्यालय लखनऊ ऑनलाइन भेज दिया जाता है, जहां पर पोर्टल पर सब्सिडी फार्म को अपलोड कर मिलने वाली सब्सिडी को वाहन स्वामी के खाते में सीधे ट्रांसफर कर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) कार की खरीद पर एक लाख रूपये तक सब्सिडी दी जाती है, जबकि मोटरसाइकिल की खरीद पर पांच हजार की सब्सिडी सीधे वाहने स्वामी के खाते में भेज दी जाती है। श्री सोनी ने बताया कि वाहन स्वामी को इसका लाभ न मिलने की सबसे बडी वजह डीलर द्वारा वाहन स्वामी को सब्सिडी के बारे जानकारी न देना और सब्सिडी फार्म को भर आरटीओ कार्यालय न भिजवाना भी एक प्रमुख कारण है। उन्होंने बताया कि निकट भविष्य में ईवी वाहनो का चलन बढ़ेगा क्योंकि यह पर्यावरण के लिए बहुत ही लाभदायक है। लेकिन सरकार द्वारा मिलने वाली सबिसडी से कई वाहन स्वामी वंचित रह गए है। एक आंकडा बताते हुए उन्होंने कहा कि अगर ईवी वाहन हजारो की संख्या में बिके और डीलर ने फार्म उसके सापेक्ष बहुत कम भरे तो भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा विभाग को मिलने वाली ग्रांट अन्य विभाग को दे दी जाती है जिससे विभाग को काफी नुकसान उठाना पडता है। इसके लिए डीलरों के साथ मीटिंग कर सब्सिडी फॉर्म को कार्यालय भेजने का दिशा निर्देश दिए गए है ताकि सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी उन तक पहुंचे तभी सरकार के लाभ देने का सही अर्थ पूर्ण होगा।