सिविल एग्जाम पास कर अंतरा ने समाज सेवा के लिए भरी हूंकार |
-- जन्मदिन पर गरीब बेसहारा बच्चों को अपने हाथों से परोसकर खिलाती हैं भोजन |
-- ननिहाल में रहकर शिक्षा दीक्षा में उतरी खरी, घर परिवार का नाम करने की हैं हसरत |
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | दीपावली में सूप पीटने से नहीं बल्कि पढ़ाई करने से ही घर परिवार की दु:खदरिता होती हैं दूर यह बात पत्रकार वार्ता में अंतरा ने कहीं आगे कहां कि पढ़ाई ही एक ऐसी सफलता की कुंजी है जिसे कोई चुरा नहीं सकता है उनके करियर के बारे में बात करें तो इन्होंने अपना हाईस्कूल ब्रिज किशोरी स्कूल कानपुर से किया उसके बाद इन्हें गुड़गांव ग्राम भोंडसी में शिफ्ट होना पड़ा वहां से इन्होंने आर बी एस एस पब्लिक स्कूल से इण्टर पास किया , इनका कहना है कि इनकी रुचि अनाथ बच्चों को खाना खिलाना , उनके साथ समय बिताना आदि है इंटर के बाद इन्होंने स्टेनोग्राफी भी किया तथा छत्रपति शाहूजी महाराज से ग्रेडेशन किया इन्हीं के चलते इन्होंने अपने नजदीकी एनजीओ संजीवनी तथा अन्य लोगों की मदद करनी शुरू करी , यहां तक ये अपने जन्मदिन में भी गरीब बच्चों को खाना खिलाती है , इन्होंने दिल्ली से अपनी यूपीएससी की पढ़ाई पूरी करी इनका सपना डीएम बनना है , पर अभी यह एग्जाम पास करके बहुत खुश है । इनके निजी जीवन की बात करे तो ये अपने नाना नानी के पास बचपन से रहती है ,इनके मामा इन्हें अपनी बेटी बोलकर घर लाए थे जो कि अब इस दुनिया में नहीं है ,हालांकि उनका सपना पूरा हो गया , इनकी मौसी जिन्होंने मां का प्यार दिया हालांकि उनकी शादी के बाद वह गुड़गांव रहती है इनकी नानी ने इन्हें प्रेरित किया और नाना ने बहुत सहारा दिया , इनकी मां एक ग्रहणी है जो बहुत खुश हैं, जीवन में बहुत उतर चढ़ाव देखे है इन्होंने निजी लोगों से धोका भी खाया है पर अपने दिल को मजबूत करके आगे बढ़ रही है , इनका आगे का सपना खुद का एनजीओ खोलना ओर सामाजिक कार्य करना है | यह बिठूर सिंहपुर की निवासी है |